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Sunday, June 22, 2025

वाराणसी: जेल अधीक्षक पर रिश्वत का इल्ज़ाम, फर्जी रिहाई ने खोली सिस्टम की पोल

रिश्वत, साजिश और जेल का खेल: उमेश सिंह पर गहराया संदेह

वाराणसी, 28 मार्च 2025, शुक्रवार। वाराणसी की जिला जेल से जुड़ा एक सनसनीखेज मामला इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है, जिसमें तत्कालीन जेल अधीक्षक उमेश सिंह पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। यह विवाद तब और गहरा गया जब तत्कालीन डिप्टी जेलर मीना कन्नौजिया की बेटी ने अपने वकील और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जिला मुख्यालय पर डीएम से मुलाकात की। आरोप है कि जेल अधीक्षक ने रिश्वत लेकर एक साइबर अपराधी सुनील को फर्जी तरीके से रिहा कर दिया, जबकि उसकी जमानत की अर्जी अभी हाईकोर्ट में लंबित है। इस घटना ने न सिर्फ जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि निष्पक्षता और पारदर्शिता की मांग को भी तेज कर दिया है।

वाराणसी जेल कांड: डिप्टी जेलर की बेटी की इंसाफ की जंग

मीना कन्नौजिया की बेटी और उनके वकील शैलेंद्र पांडेय ने डीएम एस. राजलिंगम के सामने अपनी बात रखते हुए दावा किया कि यह सब डिप्टी जेलर को फंसाने की सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। उन्होंने जेल मैनुअल के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि अगर किसी कैदी की रिहाई गलत तरीके से होती है, तो इसकी जांच की जिम्मेदारी जिला मजिस्ट्रेट की होती है, न कि जेल अधीक्षक की। वकील ने जेल मैनुअल के पैरा 800 और 801 का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि जब जेल अधीक्षक खुद इस मामले में संदेह के घेरे में है, तो वह निष्पक्ष जांच कैसे कर सकता है?

नारी शक्ति की हुंकार: जेल मैनुअल के सहारे डीएम से गुहार

न्याय की गुहार लेकर पहुंची मीना की बेटी ने डीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया। सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर नारेबाजी करते हुए उसने कहा, “मेरी मां को जेल अधीक्षक ने प्रताड़ित किया है। मैं इंसाफ के लिए भटक रही हूं, और जरूरत पड़ी तो हाईकोर्ट तक जाऊंगी।” प्रदर्शनकारियों ने “नारी शक्ति का अपमान बंद करो” और “उमेश सिंह को सस्पेंड करो” जैसे नारे लगाए। इस दौरान डीएम मौके पर पहुंचे और प्रार्थना पत्र स्वीकार करने के बाद निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। प्रदर्शन में विशाल कन्नौजिया, अमित सिंह जैसे कार्यकर्ता भी शामिल रहे।

फर्जी रिहाई का सच: वाराणसी जेल में भ्रष्टाचार की आग

यह मामला अब सिर्फ एक जेल की चारदीवारी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह सिस्टम की जवाबदेही और महिलाओं के सम्मान का सवाल बन गया है। क्या इस प्रकरण में सच सामने आएगा और दोषियों को सजा मिलेगी? यह देखना अभी बाकी है।

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