वाराणसी, 28 मार्च 2025, शुक्रवार। काशी की पावन नगरी में नवरात्रि का पर्व नजदीक आते ही धार्मिक और प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर हैं। वाराणसी नगर निगम की कार्यकारिणी ने एक अहम फैसला लेते हुए नवरात्रि के दौरान शहर में मांस, मछली और मीट की दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया है। यह नियम 30 मार्च से शुरू होकर रामनवमी तक लागू रहेगा। महापौर अशोक तिवारी ने इस फैसले को सख्ती से लागू करने के लिए नगर आयुक्त अक्षत वर्मा को निर्देश दिए हैं। खास तौर पर काशी विश्वनाथ मंदिर के दो किलोमीटर के दायरे में पहले से ही ऐसी दुकानों पर प्रतिबंध है, और अब यह नियम पूरे नगर क्षेत्र में प्रभावी होगा। इसके साथ ही धार्मिक स्थलों और स्कूलों के आसपास सिगरेट बिक्री पर भी रोक लगाने का सर्वसम्मत फैसला हुआ है।
देवी मंदिरों के आसपास चमकेगी काशी
नवरात्रि में काशी के नौ प्रमुख देवी स्थलों और अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इसे देखते हुए कार्यकारिणी सदस्य मदन दुबे ने साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की मांग उठाई। उनके प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए सभी देवी मंदिरों के आसपास स्वच्छता सुनिश्चित करने और मंदिरों तक जाने वाले रास्तों पर सीवर ओवरफ्लो व कूड़े की समस्या से निजात पाने के निर्देश दिए गए। नगर आयुक्त को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे इन क्षेत्रों को श्रद्धालुओं के लिए सुगम और स्वच्छ बनाएं।
जन्म प्रमाण पत्र में देरी से छात्रों का भविष्य अधर में
बैठक में महापौर की अध्यक्षता में जन्म प्रमाण पत्र जारी करने में हो रही देरी का मुद्दा भी गूंजा। उपसभापति नरसिंह दास और मदन दुबे ने चिंता जताई कि एडमिशन के मौसम में यह लापरवाही छात्रों के भविष्य को खतरे में डाल रही है। पता चला कि पटल पर तैनात कर्मचारियों की तकनीकी कमजोरी इसकी वजह है। कार्यकारिणी ने नगर आयुक्त को 30 मार्च तक सभी लंबित आवेदनों को निपटाने का सख्त निर्देश दिया।
एक घर, कई बिल: जलकल विभाग को अल्टीमेटम
अमृत योजना के तहत 32,486 घरों में जल कनेक्शन तो दिए गए, लेकिन एक ही घर में कई कनेक्शन होने से लोगों को कई-कई बिल थमाए जा रहे हैं। इससे जनता में नाराजगी है। महापौर ने जलकल विभाग को 30 अप्रैल तक सर्वे कर अतिरिक्त कनेक्शन हटाने और बिलों में सुधार लाने का अल्टीमेटम दिया, ताकि सही वसूली हो सके।
मच्छरों का कहर, स्वास्थ्य अधिकारी नदारद
शहर में मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, लेकिन कार्यकारिणी की बैठक में नगर स्वास्थ्य अधिकारी अनुपस्थित रहे। सदस्य सुरेश कुमार पटेल ने फॉगिंग की स्थिति पर सवाल उठाया तो जवाब देने वाला कोई मौजूद नहीं था। महापौर ने इसे गंभीरता से लेते हुए नगर आयुक्त को स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया।
नालों की सफाई का दावा, वाहन खरीद में देरी
कार्यकारिणी में नालों की सफाई का मुद्दा भी छाया रहा। अधिशासी अभियंता ने 20 नालों की सफाई शुरू होने का दावा किया, लेकिन मेयर ने इसकी सूची मांगी ताकि पार्षद इसकी जांच कर सकें। साथ ही, सफाई के लिए वाहन अब तक न खरीदे जाने पर नाराजगी जताई।
औरंगाबाद का नाम बदलने पर चर्चा नहीं
काशी के औरंगाबाद और अन्य मोहल्लों के नाम बदलने की मांग लंबे समय से उठ रही है। विश्व वैदिक सनातन न्यास जैसे संगठनों का दावा है कि औरंगाबाद का पुराना नाम लक्ष्मी नगर या शिवनगर था। हालांकि, कार्यकारिणी की बैठक में इस पर कोई प्रस्ताव नहीं आया। मदन दुबे ने बताया कि मांग पत्र तो मिला, लेकिन औपचारिक चर्चा नहीं हुई। जिला प्रशासन भी इस मामले में ऐतिहासिक तथ्यों की पड़ताल कर रहा है।
काशी में नवरात्रि की तैयारियां धार्मिक भावना और प्रशासनिक व्यवस्था के संगम का अनूठा उदाहरण पेश कर रही हैं। अब देखना यह है कि ये फैसले कितनी सख्ती से धरातल पर उतरते हैं।