वाराणसी, 28 मार्च 2025, शुक्रवार। वाराणसी की सड़कों पर अपराधियों के लिए अब कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं बचा है। बीती रात वाराणसी पुलिस ने एक रोमांचक मुठभेड़ में दो शातिर चेन स्नैचरों को धर दबोचा। इस ऑपरेशन में पुलिस की गोली से एक अपराधी घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। यह घटना रामनगर थाना क्षेत्र के उजाला बैरियर के पास हुई, जहां पुलिस का “ऑपरेशन चक्रव्यूह” अपराधियों के लिए काल बनकर सामने आया।
कौन हैं पकड़े गए अपराधी?
गिरफ्तार किए गए दोनों अपराधियों की पहचान अजय सहानी और त्रिभुवन के रूप में हुई है। अजय सहानी के पैर में गोली लगी है और वह पुलिस की जवाबी कार्रवाई का शिकार बना। वहीं, त्रिभुवन कोई आम बदमाश नहीं है—उसके सिर पर भेलूपुर थाने में दर्ज एक मामले में 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। दूसरी ओर, अजय सहानी भी कम शातिर नहीं। उसके खिलाफ लंका थाने में 10 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जो उसकी अपराध की दुनिया में गहरी पैठ को दर्शाते हैं।

ऑपरेशन चक्रव्यूह: कैसे बिछा जाल?
एसपी कोतवाली प्रज्ञा पाठक ने बताया कि “ऑपरेशन चक्रव्यूह” के तहत रामनगर पुलिस रोजाना उजाला बैरियर पर चेकिंग करती है। बीती रात भी नियमित जांच के दौरान दो संदिग्ध बाइक सवार पुलिस की नजर में आए। उन्हें रुकने का इशारा किया गया, लेकिन अपराधियों ने रुकने की बजाय बाइक मोड़कर भागने की कोशिश की। यह देख पुलिस टीम सतर्क हो गई और उनका पीछा शुरू कर दिया।
विश्व सुंदरी पुल के नीचे रंग में भंग
पीछा करते हुए पुलिस ने दोनों को विश्व सुंदरी पुल के नीचे घेर लिया। एसीपी कोतवाली के अनुसार, पुलिस ने अपराधियों को आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी, लेकिन जवाब में एक बदमाश ने पुलिस पर गोली चला दी। इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। इस फायरिंग में अजय सहानी के पैर में गोली लगी और वह वहीं ढेर हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया।

घायल बदमाश अस्पताल में, पूछताछ जारी
प्रज्ञा पाठक ने आगे बताया कि घायल अजय सहानी को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। दूसरी ओर, त्रिभुवन को भी हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि इन दोनों से मिली जानकारी के आधार पर अपराध के नेटवर्क को और गहराई से खंगाला जाएगा। फिलहाल, दोनों को पूछताछ के बाद जेल भेजने की तैयारी चल रही है।
अपराध पर पुलिस की पैनी नजर
यह मुठभेड़ वाराणसी पुलिस की सजगता और अपराध के खिलाफ सख्त रवैये का सबूत है। “ऑपरेशन चक्रव्यूह” न सिर्फ अपराधियों के लिए खतरे की घंटी है, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी राहत की सांस लेकर आया है। अब देखना यह है कि इस ऑपरेशन के जरिए पुलिस अपराध की जड़ों तक कितनी गहराई से पहुंच पाती है।
