देहरादून, 27 मार्च 2025, गुरुवार। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पिथौरागढ़ के पांखु में आयोजित पहले तीन दिवसीय पुंगराऊँ महोत्सव का वर्चुअल शुभारंभ किया। सचिवालय से जुड़कर उन्होंने मां कोकिला कोटगाडी भगवती के पावन आशीर्वाद के साथ इस महोत्सव की शुरुआत की, जो न केवल एक उत्सव है, बल्कि राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति और परंपराओं को संजोने का एक जीवंत प्रयास भी है।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह महोत्सव हमारी लोक संस्कृति, खेल-कूद, शिक्षा और स्थानीय प्रतिभाओं को निखारने का एक शानदार मंच है। यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करने के साथ-साथ युवाओं को अपनी विरासत से जोड़ने का काम करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे प्रयास सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं रहते, बल्कि ये हमारी परंपराओं को जीवित रखते हैं और स्थानीय कला को नई ऊंचाइयों तक ले जाते हैं।

हालांकि, सरकारी व्यस्तताओं के चलते मुख्यमंत्री इस अवसर पर व्यक्तिगत रूप से मौजूद नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने भावनात्मक जुड़ाव जताते हुए कहा, “मेरा मन आप सभी के साथ है।” साथ ही, उन्होंने जल्द ही मां कोटगाडी भगवती के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आने का वादा भी किया। इसके अलावा, उन्होंने महोत्सव के सफल आयोजन के लिए 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की और थल-धरमघर-पांखू मोटर मार्ग के निर्माण व बंद पड़े आईटीआई को फिर से शुरू करने का आश्वासन दिया।
गांवों को सशक्त बनाने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का लक्ष्य सिर्फ शहरों का विकास नहीं, बल्कि गांवों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई योजनाएं जैसे वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और अमृत मिशन इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। डिजिटल इंडिया के तहत सुदूर गांवों तक इंटरनेट पहुंचाकर युवाओं को ऑनलाइन शिक्षा और स्टार्टअप के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखंड में पहली बार पर्यटन को ग्रीन इकोनॉमी के रूप में विकसित किया जा रहा है। होम स्टे योजना और जैविक उत्पादों को बढ़ावा देकर गांवों को आर्थिक लाभ पहुंचाया जा रहा है। खास तौर पर पहाड़ की बेटियों के लिए यह एक नई राह है, जो अब सिर्फ घर की चौखट तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि पर्यटन उद्यमी बनकर राज्य का नाम रोशन करेंगी।
सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का संरक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार उत्तराखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। मानस खंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊं के प्राचीन मंदिरों को संवारा जा रहा है, जिसमें मां कोटगाडी मंदिर को दूसरे चरण में विकसित करने की योजना है। इससे न सिर्फ आस्था बढ़ेगी, बल्कि गांवों में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। छोटे व्यापार, स्थानीय उत्पाद और धार्मिक पर्यटन पहाड़ के हर घर को आर्थिक मजबूती देंगे।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल
महोत्सव के मंच से मुख्यमंत्री ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी जोर दिया। लखपति दीदी योजना के तहत गांव की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य है। आज पहाड़ की माताएं-बहनें हर्बल खेती, जैविक उत्पाद, बागवानी और लोक कला के जरिए अपनी पहचान बना रही हैं। साथ ही, वोकल फॉर लोकल के तहत “एक जनपद दो उत्पाद” योजना से स्थानीय लोगों के लिए स्वरोजगार के नए रास्ते खुल रहे हैं।
एक नई शुरुआत
पुंगराऊँ महोत्सव न सिर्फ एक सांस्कृतिक उत्सव है, बल्कि यह उत्तराखंड के विकास, परंपराओं और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम भी है। मुख्यमंत्री के शब्दों में यह संदेश साफ है कि पहाड़ की संस्कृति और लोगों का विकास उनकी प्राथमिकता है। यह महोत्सव उस सपने का प्रतीक है, जहां आस्था, रोजगार और आत्मनिर्भरता एक साथ फलें-फूलें।