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Monday, March 31, 2025

मेरठ: ज़ाकिर कॉलोनी चौकी में इफ्तार पार्टी का मामला, प्रभारी सस्पेंड

मेरठ, 26 मार्च 2025, बुधवार। मेरठ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां लोहिया नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ज़ाकिर कॉलोनी पुलिस चौकी में रोज़ा इफ्तार पार्टी आयोजित करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस घटना के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ. विपिन ताडा ने सख्त कदम उठाते हुए चौकी प्रभारी शैलेंद्र प्रताप को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। यह कार्रवाई पुलिस चौकी जैसे सरकारी परिसर में अनधिकृत आयोजन करने और अनुशासन भंग करने के आरोप में की गई।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, ज़ाकिर कॉलोनी चौकी में चौकी प्रभारी शैलेंद्र प्रताप ने अपने कुछ चहेतों के साथ मिलकर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। इस आयोजन में थाना लोहिया नगर के इंस्पेक्टर विष्णु कुमार सहित चौकी के अन्य स्टाफ भी शामिल थे। पार्टी के दौरान पुलिसकर्मियों ने मेहमानों के लिए चौकी परिसर में कुर्सियाँ लगाईं और व्यवस्था की। इस घटना का वीडियो किसी ने रिकॉर्ड कर लिया और सोशल मीडिया पर डाल दिया, जिसके बाद यह तेज़ी से वायरल हो गया। ज़ाकिर कॉलोनी चौकी का उद्घाटन हाल ही में 17 मार्च 2025 को एसएसपी विपिन ताडा ने किया था। उद्घाटन के महज़ नौ दिन बाद ही इस तरह की घटना ने पुलिस महकमे की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए। वीडियो में चौकी प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मियों की मौजूदगी साफ दिख रही थी, हालाँकि कुछ कर्मियों ने कैमरे के सामने आने से परहेज किया।

एसएसपी का एक्शन

वीडियो वायरल होने के बाद मामला एसएसपी के संज्ञान में आया। पुलिस चौकी को सेवा और सुरक्षा का केंद्र मानने वाले एसएसपी ने इसे अनुशासनहीनता और नियमों का उल्लंघन करार दिया। इसके तहत उन्होंने चौकी प्रभारी शैलेंद्र प्रताप को तुरंत सस्पेंड कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में अन्य शामिल पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी जाँच की जा रही है, और आगे की कार्रवाई संभावित है।

क्यों उठा विवाद?

पुलिस चौकी जैसे सरकारी परिसर में धार्मिक या निजी आयोजन करना पुलिस नियमावली के खिलाफ माना जाता है। यह घटना इसलिए भी संवेदनशील हो गई, क्योंकि इसका वीडियो सार्वजनिक होकर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। लोगों ने सवाल उठाया कि क्या पुलिस चौकी अब सेवा के बजाय निजी आयोजनों का अड्डा बनती जा रही है। इस मामले ने पुलिस की छवि और कार्यप्रणाली पर बहस छेड़ दी है।

मेरठ के इस घटनाक्रम ने पुलिस विभाग में अनुशासन और पारदर्शिता की ज़रूरत को एक बार फिर रेखांकित किया है। एसएसपी विपिन ताडा का त्वरित एक्शन इस बात का संकेत है कि वे अपने अधीनस्थों से सख्ती और नियमों का पालन चाहते हैं। हालांकि, यह घटना पुलिसकर्मियों के व्यवहार और उनकी जिम्मेदारियों पर कई सवाल छोड़ गई है। आने वाले दिनों में इस मामले की जाँच से और तथ्य सामने आ सकते हैं।

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