देहरादून, 24 मार्च 2025, सोमवार। 23 मार्च की संध्या उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक अनूठे आयोजन से गूंज उठी। राजपुर रोड स्थित एक होटल में शिव धरा फाउंडेशन द्वारा आयोजित “एक शाम देश के भगत के नाम” कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह ने न केवल अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की, बल्कि देशभक्ति और विकास के संकल्प को भी नया आयाम दिया। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद राजगुरु, सुखदेव और भगत सिंह के बलिदान को याद करते हुए उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।

शहीदों की शहादत: आजादी का आधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन वीर सपूतों ने माँ भारती की बेड़ियों को तोड़ने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। “इनके इरादे अटल थे और हौसला बुलंद था। इनके बलिदान के कारण ही आज हम स्वतंत्रता और सम्मान के साथ जी रहे हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का त्याग वह प्रेरणा है, जिसने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया। इस आयोजन को उन्होंने शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि करार दिया, जो नई पीढ़ी को उनके बलिदान की याद दिलाता है।
समान नागरिक संहिता: भगत सिंह के सपनों को साकार करने की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री ने शहीद भगत सिंह के उस कथन को याद किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सच्ची स्वतंत्रता तभी संभव है, जब भारत के हर वर्ग और जाति को समान अधिकार और अवसर मिलें। इस भावना को साकार करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की है। धामी ने गर्व से कहा, “2022 के विधानसभा चुनाव में जनता से किया वादा पूरा करते हुए हमने उत्तराखंड को देश का पहला ऐसा राज्य बनाया, जहां सभी नागरिकों के कानूनी अधिकार समान हैं।” यह कदम न केवल राज्य के लिए ऐतिहासिक है, बल्कि शहीदों के सपनों को हकीकत में बदलने की दिशा में एक मजबूत पहल भी है।

तीन साल की उपलब्धियां: विकास की नई ऊंचाइयां
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने दूसरे कार्यकाल के तीन साल पूरे होने का जिक्र करते हुए कहा कि इन वर्षों में उत्तराखंड ने विकास के कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। “हमारा राज्य आज नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में उत्तराखंड भी पूरे समर्पण के साथ योगदान दे रहा है।
सम्मान समारोह: समाज सेवा और काव्य का संगम
कार्यक्रम में समाज सेवा और काव्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को सम्मानित किया गया। स्वामी विनायक, पल्लवी पटेल, अखिलेश अग्रवाल, प्राची कंडवाल और संजीव गोयल जैसे समाजसेवियों के साथ-साथ प्रसिद्ध कवि डॉ. हरिओम पंवार, अमित शर्मा, कुशल कुशवाहा, महिमा श्री और श्रीकांत श्री को भी सम्मानित किया गया। इन सम्मानों ने इस आयोजन को और भी यादगार बना दिया।

गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल ने भी अपने विचार साझा किए। शिव धरा फाउंडेशन के लल्लन सिंह, विशाल जिंदल, उमेश पटेल और मयंक सिंह गौर सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एक प्रेरणादायक शाम
“एक शाम देश के भगत के नाम” न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि देने का माध्यम बनी, बल्कि यह भी साबित कर गई कि उनके सपनों को साकार करने के लिए उत्तराखंड संकल्पबद्ध है। कविताओं की गूंज, सम्मानों का गर्व और विकास के संकल्प के साथ यह शाम हर किसी के दिल में देशभक्ति की एक नई चिंगारी जगा गई।