लखनऊ, 24 मार्च 2025, सोमवार: राजधानी लखनऊ में एक बार फिर ऑटो ड्राइवर की शर्मनाक हरकत ने लोगों का गुस्सा भड़का दिया। दुबग्गा से बुद्धेश्वर जा रही एक महिला के साथ ऑटो ड्राइवर ने छेड़छाड़ की कोशिश की, लेकिन महिला की साहसी आवाज और वहां मौजूद आम जनता की एकजुटता ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। यह घटना न केवल महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज में छिपे ऐसे भेड़ियों को सबक सिखाने की जरूरत को भी रेखांकित करती है।
हिम्मत ने बचाई जान
घटना उस वक्त हुई जब महिला ऑटो में सवार होकर अपने गंतव्य की ओर जा रही थी। अचानक ड्राइवर ने अपनी हदें पार करने की कोशिश की। लेकिन महिला ने हार नहीं मानी। उसने जोर-जोर से शोर मचाया, जिसकी आवाज सुनकर आसपास के लोग तुरंत हरकत में आ गए। देखते ही देखते भीड़ ने ऑटो ड्राइवर को घेर लिया और उसे पकड़कर उसकी करतूत का हिसाब मांग लिया। महिला की सूझबूझ और हिम्मत ने न सिर्फ उसकी जान बचाई, बल्कि एक बड़े हादसे को भी टाल दिया।
पहले शिबू, फिर सलमान: झूठ का पर्दाफाश
पकड़े जाने के बाद ड्राइवर ने पहले अपना नाम शिबू बताया, लेकिन जब जनता ने उसे सबक सिखाना शुरू किया तो उसकी जुबान से सच उगल पड़ा- उसका असली नाम सलमान था। यह दोहरा चेहरा न सिर्फ उसकी नीचता को दर्शाता है, बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि आखिर ऐसे लोग अपनी पहचान छिपाकर किसके भरोसे समाज में घूमते हैं? जनता ने उसे पुलिस के हवाले करने से पहले ऐसा “इलाज” किया कि शायद वह अपनी हरकत दोबारा करने से पहले सौ बार सोचे।
कहां सुरक्षित हैं बहन-बेटियां?
यह घटना कोई पहली नहीं है। अभी कुछ दिन पहले भी ऐसी ही एक वारदात ने लोगों को झकझोर दिया था, जहां एक जाहिल ड्राइवर को उसकी करतूत की सजा मिली थी। लेकिन लगता है कुछ लोग सबक लेने को तैयार ही नहीं। सवाल यह है कि आखिर बहन-बेटियां कब तक इन दरिंदों के डर में जीती रहेंगी? किस पर भरोसा करें- ऑटो ड्राइवर, रास्ते का राहगीर या फिर सिस्टम? हर बार जनता को खुद इंसाफ करना पड़े, यह हमारे समाज और कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।
सबक याद रखो, वरना…
उन जाहिलों को शायद यह नहीं पता कि उनकी हरकत का अंजाम क्या होता है। पिछले दिनों जो ऊपर गए, उनकी कहानी शायद इन्हें याद नहीं। लेकिन यह घटना एक बार फिर चेतावनी है- समाज अब चुप नहीं बैठेगा। महिला की हिम्मत और जनता की ताकत ने साबित कर दिया कि हर गलत इरादे का जवाब मिलेगा। अब जरूरत है सख्त कानून और जागरूकता की, ताकि ऐसी घटनाएं सिर्फ सुर्खियां न बनें, बल्कि खत्म हों।
लखनऊ की इस बहादुर महिला और जागरूक जनता को सलाम, जिन्होंने एक बार फिर साबित किया कि एकता और साहस के आगे हर जाहिल को झुकना पड़ता है!