लखनऊ, 22 मार्च 2025, शनिवार। लखनऊ में एक दिल दहला देने वाली घटना ने शुक्रवार की रात को नाटकीय मोड़ ले लिया, जब पुलिस ने एक ऑटो ड्राइवर अजय कुमार द्विवेदी को एनकाउंटर में मार गिराया। अजय पर एक महिला के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या का गंभीर आरोप था। यह घटना उस समय शुरू हुई, जब 18 जनवरी को वाराणसी से परीक्षा देकर लौट रही एक महिला आलमबाग बस स्टैंड पर उतरी। रात के करीब डेढ़ बजे अजय ने उसे लिफ्ट देने के बहाने अपने जाल में फंसाया और एक बाग में ले जाकर उसके साथ दरिंदगी की कोशिश की। महिला के विरोध करने पर उसने उसका गला घोंटकर उसकी जान ले ली।
इस जघन्य अपराध के बाद पुलिस ने अजय की तलाश तेज कर दी। शुक्रवार सुबह पुलिस को पहली कामयाबी मिली, जब अजय के भाई दिनेश को गिरफ्तार किया गया। दिनेश ने ही पुलिस को बताया कि उसका भाई मलिहाबाद इलाके में छिपा हुआ है। इसके बाद क्राइम ब्रांच प्रभारी शिवानंद मिश्र ने मलिहाबाद के देवा रेस्टोरेंट के पास जाल बिछाया। रात साढ़े नौ बजे अजय बाइक पर आता दिखा। पुलिस ने उसे घेरने की कोशिश की, लेकिन वह अपनी बाइक खेतों की ओर भगा ले गया। बाइक अनियंत्रित होकर गिर गई, और फिर अजय ने पुलिस पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की, और इस फायरिंग में अजय मारा गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। अजय के पास से मृतका का मोबाइल, एक पिस्टल, सिगरेट, लाइटर और कुछ नकदी बरामद हुई। डीसीपी पश्चिम विश्वजीत ने बताया कि अजय एक हिस्ट्रीशीटर था, जिसके खिलाफ 23 आपराधिक मामले दर्ज थे, जबकि उसके भाई दिनेश के खिलाफ 9 मुकदमे थे।
यह एनकाउंटर उस समय हुआ, जब पुलिस को सूचना मिली थी कि अजय अंधेरे का फायदा उठाकर हरदोई की ओर भागने की फिराक में है। मलिहाबाद में नाकाबंदी के दौरान उसने पुलिस पर हमला किया, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई। इस घटना ने एक बार फिर अपराध और पुलिस कार्रवाई के बीच की उस पतली रेखा को उजागर किया, जो समाज में बहस का विषय बनी रहती है।