गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को हिंदी विरोध को मुद्दा बना रहे द्रमुक पर जमकर बरसे। गृह मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में चल रही बहस का जवाब देते हुए शाह ने द्रमुक पर भ्रष्टाचार छिपाने के लिए भाषा का जहर फैलाने का आरोप लगाया। सभी भारतीय भाषाओं के विकास के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि इसी साल दिसंबर के बाद वह नागरिकों, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और सांसदों के साथ पत्र व्यवहार उनकी मातृभाषा में करेंगे।
तमिलनाडु में ही द्रमुक के तमिल प्रेम की पोल खोलने का दावा करते हुए अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार के दो वर्षों के प्रयास के बाद भी मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने तमिल भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू नहीं की है। आरोप लगाया कि अंग्रेजी में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई से द्रमुक नेताओं के आर्थिक हित जुड़े हैं।
अमित शाह ने एलान किया कि तमिलनाडु में राजग की सरकार बनने के बाद तमिल भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की जाएगी। पुराने भाषा विवाद की ओर इशारा करते हुए शाह ने कहा कि भाषा के नाम पर देश के बंटवारे के लिए बहुत हो चुका और अब और नहीं होना चाहिए।