अमेरिका में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल के पोस्टडॉक्टरल एसोसिएट बदर खान सूरी को गिरफ्तार कर लिया गया है। हमास से संबंध रखने के आरोप में भारतीय छात्र को वापस भारत भेजा जा रहा था। अब अमेरिकी जज ने उनको लेकर नया आदेश दिया है।
जज ने कहा कि एक टॉप अमेरिकी विश्वविद्यालय में कार्यरत भारतीय रिसर्चर को देश से बाहर न निकाला जाए, क्योंकि उसे हमास से कथित संबंधों के लिए गिरफ्तार किया गया था और निष्कासन की धमकी दी गई थी।
क्या है अदालत का फैसला?
सूरी के वकील ने उनकी रिहाई की मांग की और गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे प्रतिशोधात्मक हिरासत बताया।
उन्होंने कहा, अदालत का फैसला उनकी आवाज को दबाना या कम से कम प्रतिबंधित करना और उन्हें रोकना था।
साथ ही उन अन्य लोगों की आवाज को भी जो फलस्तीनी अधिकारों के लिए समर्थन व्यक्त करते हैं।
गुरुवार की शाम को, वर्जीनिया कोर्ट के पूर्वी जिले के जज पैट्रिशिया टोलिवर गिल्स ने आदेश दिया कि सूरी को संयुक्त राज्य अमेरिका से तब तक नहीं निकाला जाएगा जब तक कि अदालत इसके विपरीत आदेश जारी नहीं करती।
अमेरिकी राजधानी में जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में पोस्टडॉक्टरल फेलो बदर खान सूरी की हिरासत ऐसे समय में हुई है, जब एकेडमिक जगत में यह आशंका बढ़ गई है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए कार्यकाल के दो महीने बाद रिचर्स और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को चुनौती दी जा रही है।