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Tuesday, August 5, 2025

काशी विद्यापीठ में छात्रों का आक्रोश: कुलपति कार्यालय में तालाबंदी के बाद सुरक्षा के वादे पर शांत हुए छात्र

वाराणसी, 19 मार्च 2025, बुधवार। वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय में बुधवार को छात्रों ने आक्रोशित होकर कुलपति को उनके कार्यालय में बंद कर दिया। लगभग डेढ़ घंटे तक छात्रों ने कार्यालय के मुख्य द्वार पर ताला जड़कर बाहर धरना दिया। चीफ प्रॉक्टर और स्थानीय पुलिस के हस्तक्षेप के बाद स्थिति संभली और छात्रों ने ताला हटा लिया। छात्रों की मुख्य मांग थी कि चीफ प्रॉक्टर या तो कैंपस में सुरक्षा सुनिश्चित करें या अपने पद से त्यागपत्र दें।
छात्रों का गुस्सा 11 मार्च को हुई एक घटना को लेकर था, जिस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार से लेकर कुलपति आवास की दीवार तक फैली अवैध दुकानों को हटाया जाए, क्योंकि ये सुरक्षा के लिए खतरा बनी हुई हैं। सुबह छात्र कैंपस में गांधी स्मृति स्थल पर प्रदर्शन कर रहे थे। चीफ प्रॉक्टर से तीखी बहस के बाद वे कुलपति कार्यालय की ओर बढ़े और वहां धरना शुरू कर दिया। इसके बाद दोपहर में उन्होंने कार्यालय के मुख्य द्वार को ताला लगा दिया। चीफ प्रॉक्टर के समझाने पर छात्र शांत हुए और ताला खोल दिया गया।
छात्र नेता अंशु मिश्रा ने बताया कि कुछ दिन पहले होली के दौरान कैंपस में छात्र-छात्राएं उत्सव मना रहे थे, तभी बाहर से कुछ असामाजिक तत्व अंदर घुस आए। इन लोगों ने अभद्र व्यवहार किया, गालियां दीं और विरोध करने पर पथराव शुरू कर दिया। पास की बस्ती के लोगों ने भी छात्रों पर हमला किया और जान से मारने की धमकी दी। इसकी शिकायत प्रशासन को की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए छात्रों ने यह कदम उठाया। उनकी मांग है कि जब तक दुकानें नहीं हटेंगी और सुरक्षा व्यवस्था नहीं सुधरेगी, तब तक विरोध जारी रहेगा।
एक अन्य छात्र नेता आशुतोष तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय में सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है। हॉस्टल में रहने वाले छात्र-छात्राएं असुरक्षित हैं और बाहरी लोग अक्सर परेशानी खड़ी करते हैं। उन्होंने बताया कि सुरक्षा के लिए हर साल 3 करोड़ रुपये का बजट होने के बावजूद कोई व्यवस्था नहीं दिखती। उनका कहना था कि यह प्रदर्शन तो बस शुरुआत है, अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो बड़ा आंदोलन होगा। उन्होंने चीफ प्रॉक्टर की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वे सुरक्षा नहीं दे सकते तो पद पर बने रहने का क्या औचित्य है।
चीफ प्रॉक्टर केके सिंह ने सफाई दी कि छात्रों की शिकायतें कई मुद्दों से जुड़ी हैं। होली के दौरान बाहरी लोगों ने कैंपस में घुसकर उत्पात मचाया था, जिसमें कुछ छात्र घायल हुए थे। इसकी सूचना पुलिस को दी गई और तुरंत कुछ लोगों को पकड़ा भी गया। अवैध दुकानों के मामले में पुलिस और नगर निगम को जानकारी दे दी गई है, लेकिन छात्र फौरन नतीजे चाहते हैं। उन्होंने कुलपति कार्यालय में तालाबंदी को गलत ठहराया और कहा कि पुलिस व प्रशासन के साथ मिलकर छात्रों से संवाद किया गया है।

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