नई दिल्ली, 19 मार्च 2025, बुधवार। आगरा के चर्चित संजलि हत्याकांड में छह साल बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। एडीजे नितिन ठाकुर की कोर्ट ने दोषियों आकाश और विजय को उम्रकैद की सजा दी, साथ ही दोनों पर 5.23 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने इस घटना को बेहद गंभीर करार दिया।
यह मामला 18 दिसंबर 2018 का है, जब दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली संजलि स्कूल से घर लौट रही थी। दोषियों ने उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। संजलि अशर्फी देवी छिद्दी सिंह इंटर कॉलेज की छात्रा थी। गंभीर हालत में उसे पहले आगरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। अगली रात, 19 दिसंबर को उसकी मौत हो गई। हैरानी की बात यह है कि संजलि की मृत्यु के कुछ घंटों बाद ही उसके रिश्ते के भाई योगेश ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। जांच में पता चला कि वही इस हत्या का मुख्य साजिशकर्ता था। योगेश की मौत के बाद पुलिस ने उसके मामा के बेटे विजय और रिश्तेदार आकाश को गिरफ्तार किया। यह घटना मलपुरा थाना क्षेत्र में हुई थी।
यह मामला पूरे देश में चर्चा में रहा। पुलिस ने 25 दिसंबर 2018 को जांच पूरी कर खुलासा किया कि योगेश संजलि पर दोस्ती का दबाव डाल रहा था। उसके मना करने पर उसने अपने साथियों के साथ मिलकर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया। स्कूल से साइकिल पर घर जा रही संजलि को पेट्रोल डालकर जला दिया गया।
पुलिस ने इस मामले में 2,000 पन्नों की चार्जशीट तैयार की, जिसमें 108 गवाह शामिल थे। संजलि के मरने से पहले दिए बयान को भी सबूत के तौर पर पेश किया गया। अप्रैल 2019 में आरोपियों पर आरोप तय हुए। संजलि के परिवार वालों, जैसे ताऊ सौदान सिंह, पिता हरेंद्र सिंह, मां अनीता और बहन सहित 26 लोगों ने कोर्ट में गवाही दी।