देहरादून, 15 मार्च 2025, शनिवार। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को ठूलीगाड़, टनकपुर में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर भारत के प्रसिद्ध माँ पूर्णागिरि मेला – 2025 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने मां पूर्णागिरी को नमन करते हुए प्रदेश में समृद्धि, तरक्की और शांति की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पूर्णागिरी मेला क्षेत्र में विकास की कई परियोजनाओं की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पूर्णागिरी मेला क्षेत्र में भीड़ और आपदा प्रबंधन के लिए स्मार्ट कंट्रोल रूम और सीसीटीवी निगरानी तंत्र स्थापित किया जाएगा, जिससे मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखा जा सके।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने सेलागाढ़ में बहुउद्देशीय प्रशासनिक भवन बनाने की घोषणा की, जिसमें मेला मजिस्ट्रेट, मेला अधिकारी, पुलिस और चिकित्सक एक ही स्थान पर कार्य कर सकेंगे। इससे मेले के दौरान प्रशासनिक कार्यों को सुव्यवस्थित और सुगम बनाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने लादीगाड़ में पूर्णागिरि पंपिंग पेयजल योजना बनाने की भी घोषणा की, जिससे क्षेत्र में पेयजल की समस्या दूर हो सके। इसके अलावा, ठुलीगाड़ और बाबलीगाड़ में पंपिंग परियोजना बनाने की घोषणा की गई, जिससे क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल की सुविधा मिलेगी।
इन परियोजनाओं के माध्यम से पूर्णागिरी मेला क्षेत्र में विकास की यात्रा को आगे बढ़ाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन घोषणाओं से क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकेंगी। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की भूमि को देवी- देवताओं का भूमि बताते हुए कहा कि प्रदेश के कण-कण में दिव्यता समाई हुई है। उन्होंने कहा माँ पूर्णागिरि धाम, उत्तराखंड का प्रमुख आध्यात्मिक स्थल है। उन्होंने कहा वो हमेशा अन्य लोगों को भी धार्मिक यात्रा के लिए माँ पूर्णागिरि आने हेतु आग्रह करते हैं। कुंभ और कांवड़ यात्रा के बाद सबसे अधिक श्रद्धालु माँ पूर्णागिरि के धाम पर आते हैं। उन्होंने कहा राज्य सरकार मेले को वर्षभर संचालित करने के लिए संकल्पित है। जिसके लिए पूर्णागिरि धाम में स्थायी बुनियादी ढांचों का विकास किया जा रहा है। आगामी वर्षों में यह स्थान और भव्य एवं सुव्यवस्थित रूप लेगा, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएँ मिल सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से चम्पावत के अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करने का आग्रह करते हुए कहा कि हमने भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने के साथ यात्रा का आध्यात्मिक अनुभव भी लेना चाहिए। राज्य सरकार माँ पूर्णागिरि धाम के विकास के लिए सतत प्रयासरत है और आने वाले समय में इसे एक विशाल आध्यात्मिक एवं पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करेगी। चम्पावत में 11 से बढ़ाकर 13 मल्टी-लेवल पार्किंग को स्वीकृति दी गई है, जिससे यातायात प्रबंधन सुगम होगा।टनकपुर में 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से आईएसबीटी को विकसित किया जा रहा है।मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊँ के प्रमुख मंदिरों का सौंदर्यीकरण और उनके रास्तों का चौड़ीकरण कराया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में अधिक सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्णागिरि क्षेत्र में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए विशेष कार्य किए जा रहे हैं। माँ पूर्णागिरि धाम में रोपवे निर्माण कार्य भी जारी है, जिससे यात्रियों को सुगम यात्रा का अनुभव मिलेगा। उन्होंने कहा पूर्णागिरि धाम के आसपास स्थित सभी प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों को जोड़कर एक विशेष पर्यटन सर्किट विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार इस सर्किट को सफल बनाने के लिए जिले में बेहतर सड़क संपर्क, संचार व्यवस्था, पर्यटक सुविधाओं और आधारभूत ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। इस पहल का उद्देश्य माँ पूर्णागिरि धाम की यात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाना एवं चम्पावत जिले में पर्यटन को नया आयाम देना है। जिसके निर्माण से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को सालभर आकर्षित किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सर्किट उत्तराखंड को धार्मिक एवं पर्यटन के नए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। सरकार इसके लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और शीघ्र ही इस पर अमल शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा चंपावत को प्रत्येक क्षेत्र में विकसित व अग्रणी जिला बनाने का कार्य किया जा रहा है। कनेक्टिविटी तथा शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कार्य किया जा रहे हैं। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कैंपस का संचालन चंपावत में शुरू हो गया है। जिले के सभी विद्यालयों व महाविद्यालय का जीर्णोद्धार का कार्य भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपावत में 55 करोड़ की धनराशि से साइंस सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। जिससे सभी विद्यार्थियों को ज्ञान, विज्ञान व तकनीकी और नवाचार हेतु प्रेरणा मिलेगी। चंपावत में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज का कार्य प्रगति पर है। 16 करोड़ की लागत से पॉलिटेक्निक कॉलेज का नया भवन बनकर तैयार हो गया है।जिला चिकित्सालय में 20 करोड़ की लागत से 50 बेड के क्रिटिकल केयर ब्लॉक तथा टनकपुर में 15 करोड़ की लागत से 50 बेड वाले आयुष अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। 28 करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड नर्सिंग संस्थान के भवन निर्माण कार्य पूरा हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार चंपावत में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ ही अपनी नीतियों और निर्णय के माध्यम से पर्यटन को प्रोत्साहित करने व रोजगार के अवसरों को बढ़ाने हेतु ठोस कार्य कर रही है। उन्होंने कहा आने वाले 25 सालों बाद मां पूर्णागिरि धाम में आज की अपेक्षा कई गुना ज्यादा श्रद्धालु पहुंचेंगे। उस समय को ध्यान में रखते हुए सभी से इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत 2047 का संकल्प रखा है। टनकपुर में राष्ट्रीय खेलों की प्रतियोगिताओं से राफ्टिंग को निश्चित तौर पर पंख लगेंगे। बड़ी संख्या में देश-विदेश से लोग यहां राफ्टिंग के लिए आएंगे। उन्होंने कहा श्यामलाताल झील के विकास के लिए 5 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। इस क्षेत्र को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी विकसित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने मेला समिति को आश्वास्थ करते हुए कहा कि यह मेला हमारी प्राथमिकता में है। मेले में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालुओं को आतिथ्य प्रदान करना ,अच्छी सुविधा व स्वच्छ वातावरण प्राप्त हो यह हमारा कर्तव्य है। ताकि प्रत्येक वर्ष मेले में आने वाले श्रद्धालु अपना अच्छा अनुभव लेकर जाएं और मेले के अच्छे अनुभव लोगों को साझा कर अन्य लोगों को भी मेले में आने के लिए प्रेरित करें।
इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, नगर पालिका अध्यक्ष टनकपुर विपिन कुमार, विधायक प्रतिनिधि टनकपुर दीपक रजवार, पूर्णागिरि मंदिर समिति के अध्यक्ष किशन तिवारी, नगर पंचायत अध्यक्ष बनबसा रेखा देवी, प्र० जिलाधिकारी जयवर्धन शर्मा, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार सिंह एवं अन्य लोग मौजूद रहे।