लखनऊ, 12 मार्च 2025, बुधवार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के ताज होटल में पांचजन्य और आर्गेनाइजर के ‘मंथनः कुंभ एंड बियॉन्ड’ विचार संगम कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जो लोग विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन करते हैं, उन्हें अपने डीएनए की जांच करानी चाहिए। योगी ने यह भी कहा कि सनातन धर्म सभी पंथों का सम्मान करता है और उन्हें अपने भगवा वस्त्र पर गर्व है। उन्होंने भारत के लोकतंत्र को परिपक्व बताया और कहा कि जनता सब जानती है और सही-गलत का फैसला करती है। योगी ने प्रयागराज के कुंभ मेले के दौरान किए गए विकास कार्यों का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने कई पवित्र स्थलों को अवैध कब्जों से मुक्त कराया है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महर्षि भारद्वाज की नगरी प्रयागराज दुनिया के पहले गुरुकुल की भूमि है। पिछली सरकारों के दौर में यह भूमि माफियाओं के हवाले थी। अक्षय वट को गुलामी के काल में कैद कर नष्ट करने की कोशिश की गई, जिससे 500 वर्षों तक श्रद्धालु दर्शन से वंचित रहे। माता सरस्वती कूप और पातालपुरी जैसे स्थल उपेक्षित रहे, जबकि श्रृंगवेरपुर-भगवान राम और निषादराज के मैत्री स्थल-पर लैंड जिहाद के जरिए कब्जा कर लिया गया। द्वादश माधव और नाग वासुकी जैसे पवित्र स्थल भी अवैध कब्जों की चपेट में थे। योगी ने कहा कि महाकुंभ के दौरान वहां नए कॉरिडोर बनाकर इन स्थलों को मुक्त कराया गया। यह हमारी पौराणिक परंपरा के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि नकारात्मक सोच वाले लोगों से सकारात्मकता की उम्मीद करना व्यर्थ है। उन्होंने पिछली सरकारों के दौरान कुंभ मेले में हुई अव्यवस्थाओं का जिक्र किया और कहा कि पिछली सरकारों ने कुंभ को अव्यवस्था और गंदगी का अड्डा बना दिया था। उन्होंने स्वतंत्र भारत के पहले कुंभ (1954) से लेकर 1974, 1986, 2007 और 2013 तक कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के शासनकाल में हुई अव्यवस्थाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 1954 में एक हजार से अधिक मौतें हुईं। 2007 में प्राकृतिक आपदा ने जन-धन की हानि की और 2013 में मॉरिशस के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने संगम की गंदगी देखकर आंसू बहाए थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2025 के महाकुंभ की सफलता के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि इस बार कुंभ में स्वच्छता, सुरक्षा और तकनीक का बेहतरीन उदाहरण पेश किया गया। योगी ने बताया कि 2019 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कुंभ की नकारात्मक धारणा को बदलने का प्रयास शुरू हुआ, जिसे 2025 में और मजबूती से लागू किया गया। उन्होंने कहा कि इस बार कुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या अनुमान से अधिक रही। मौनी अमावस्या (28-30 जनवरी) की रात एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसे का जिक्र करते हुए योगी ने बताया कि 10 करोड़ से अधिक भीड़ के बीच कुछ लोग घायल हुए और कुछ की मौत हो गई। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अखाड़ों और संतों से बातचीत की और अमृत स्नान को दोपहर तक स्थगित कर दिया। संतों ने व्यापक जनहित में परंपरा को बाधित किए बिना सहयोग दिया।
औरंगजेब को आदर्श मानने वालों पर तीखा हमला करते हुए योगी ने कहा कि यह मानसिक विकृति का परिणाम है। उन्होंने शाहजहां की पुस्तक का हवाला देते हुए बताया कि औरंगजेब ने अपने पिता को कैद कर एक बूंद पानी के लिए तरसाया और भाई को मार डाला। योगी ने तंज कसते हुए कहा कि जो औरंगजेब को पसंद करते हैं, वे अपने बच्चों का नाम औरंगजेब रखें और उसके अत्याचार भोगने को तैयार रहें। उन्होंने कहा कि इस तरह की बात करने वाले भारत के नायकों का अपमान कर रहे हैं।
संभल का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 5000 साल पुराने पुराणों में इसका वर्णन है, जहां श्रीहरि का दसवां अवतार होगा। 1526 में मीर बाकी ने वहां मंदिर तोड़ा, लेकिन अब तक 18 तीर्थों का उत्खनन हो चुका है। उन्होंने कहा कि जो इतिहास छिपाते हैं, उन्हें पुराण पढ़ने चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा नदी अब स्वच्छ है, इसके लिए उन्होंने नमामी गंगे परियोजना का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत कानपुर में 14 करोड़ लीटर सीवर को रोकने में सफलता मिली है। योगी ने दिल्ली में यमुना नदी की गंदगी पर भी टिप्पणी की और कहा कि दिल्ली की जनता ने इसका जवाब दे दिया है।
योगी ने राजनीति के बारे में भी बात की और कहा कि जब राजनीति स्वार्थ से प्रेरित होकर कार्य करती है तो वह न स्वयं का कल्याण कर सकती है न लोककल्याण कर सकती है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक छवि में सुधार की बात कही और कहा कि यह सदी भारत की है। उन्होंने मॉरिशस और भूटान के नेताओं की भागीदारी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के बयान का हवाला दिया।