वाराणसी, 12 मार्च 2025, बुधवार। भाई चारे और एकता का प्रतीक माने जाने वाला त्योहार होली नजदीक आ गया है। ऐसे में लोग अपने घरों में होली खेलने आने वाले मेहमानों को स्वादिष्ट पकवान बनाकर खिलाने की तैयारी में जुट गये हैं। वहीं रमजान के पाक महीना भी चल रहा है, जिसमें रोजेदार शाम के समय नमकीन और मीठे व्यंजनों के साथ रोजा खोलते हैं। इससे चीनी और खासकर रिफाइंड की मांग बढ़ गई तो वहीं दामों में भी बढ़ोतरी हो गई। अब लोगों को जेब अधिक ढीली करनी पड़ रही है जिसका असर पकवान पर पड़ना स्वाभाविक है।
होली का त्योहार रंगों के साथ-साथ पकवानों के लिए भी जाना जाता है। घर आये मेहमानों के लिए मावा, ड्राई फ्रूट्स, शक्कर से बने और रिफाइंड में तले गुझिया, शक्करपारे, रसगुल्ले और भी कई तरह की मिठाइयां बनाकर मेहमानों को दी जाती हैं। लेकिन इस बार महंगाई के चलते पकवान फीके दिखाई दे रहे हैं। चीनी और रिफाइंड के दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे पकवान बनाना मुश्किल हो गया है। घरों में पकवान बनाने वाली महिलाएं परेशान हैं कि वे अपने मेहमानों के लिए क्या बनाएं।
गुझिया और शक्करपारे जैसे पकवान जो पहले आसानी से बनाए जा सकते थे, अब महंगे हो गए हैं। महंगाई के इस दौर में लोगों को अपने पकवानों को सीमित करना पड़ रहा है। पहले जहां घरों में कई तरह के पकवान बनाए जाते थे, अब लोगों को एक या दो पकवानों पर ही संतोष करना पड़ रहा है। यह महंगाई का ही प्रभाव है कि होली के पकवानों का स्वाद फीका पड़ गया है।