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नई दिल्ली, 11 मार्च 2025, मंगलवार। प्रयागराज के महाकुंभ मेले में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम की रेती तक पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई थी। लेकिन मेले के दौरान लगभग 50 हजार लोग अपनों से बिछड़ गए थे, जिनमें से अधिकतर को अपनों से मिलवा दिया गया था। हालांकि, अभी भी 869 लोग ऐसे हैं जो मिसिंग हैं और उनके अपने उन्हें तलाश रहे हैं। मेला प्रशासन और जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही सभी लोगों को ढूंढकर उनके परिजनों से मिलवा दिया जाएगा।
गौरतलब है कि ये लोग अमृत स्नान या भगदड़ के दौरान मिसिंग नहीं हुए हैं, बल्कि सामान्य स्नान के दिनों में यहां आए और परिजन से बिछड़ गए। इनमें कुछ ऐसे लोग हो सकते हैं जो परिवार तक पहुंच गए, मगर खोया-पाया केंद्र को सूचना नहीं भेजी गई। 2019 के कुंभ मेले में भी 47 हजार लोग गायब हुए थे, लेकिन बाद में सभी को ढूंढ लिया गया था। इस बार के कुंभ मेले में फिलहाल गायब हुए लोगों के रजिस्टर्ड मामलों की संख्या 35952 थी, जिनमें से 35083 लोगों को उनके परिजनों से मिलवा दिया गया है और बाकी की तलाश जारी है।
महाकुंभ मेले का डिजिटल खोया पाया केंद्र अभी भी एक्टिव है जहां आपको दर्जनों की संख्या में मिसिंग लोगों के पोस्टर्स चंस्पा मिलेंगे। यहां कुछ लोग अपनो के इंतज़ार करते भी मिल जाएंगे। हालांकि, कुंभ मेले के दौरान यहां भारी भीड़ अपनों की तलाश में जुटती थी। मेले के खत्म हुए 10 दिन बीत चुके हैं बावजूद इसके अपनों के न मिलने की वजह से उनके परिवारों में बेचैनी बढ़ रही है। परिवार के लोग वीडियो बनाकर अपील कर रहे हैं कि वो वापस आ जाये, अगर किसी को मिले तो उन्हें पहुंचा दें। कुछ लोग ईनाम देने की बात भी कर रहे हैं। लोगों को सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि उनके अपने किस हाल में होंगे।
महाकुंभ मे खोया-पाया केंद्र के अलावा निजी तौर पर भारत सेवा केंद्र व हेमवती नन्दन बहुगुणा स्मृति संस्थान काम कर रहा था। जिसने भूले भटके लोगो को उनके परिवार तक पहुचाने का काम किया। भारत सेवा केंद्र के उमेश चन्द्र तिवारी ने बताया, महाकुम्भ के समापन तक शिविर ने 19,274 बिछड़े महिला और पुरुष को अपनों से मिलाया। इसके अलावा कुम्भ मेले में बिछड़ गए, सभी 18 बच्चों को भी उनके परिजनों से मिलाया गया। शिविर के माध्यम से न सिर्फ खोए हुए लोगों को खोजा गया, बल्कि उनके घरों तक पहुंचाने में भी मदद की गई।
सरकारी इंतजाम व आकडे की बात करे तो इस बार महाकुम्भ में खोए हुए लोगों को शीघ्रता से उनके परिवारों से मिलाने के लिए सरकार ने डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की। इनसे 35,952 केस लोगो के मिसिंग के दर्ज हुए, 35083 लोगो को उनके परिवार से मिलाया गया। अमृत स्नान पर्व मकर संक्रांति पर्व (13, 14 और 15 जनवरी) को खोए हुए 598 श्रद्धालु, मौनी अमावस्या को (28, 29 और 30 जनवरी) 8725 लोग व बसंत पंचमी (2, 3 और 4 फरवरी) को डिजिटल खोया-पाया केंद्र की मदद से 864 लोगों को उनके परिवारों से मिलवाया गया।
इसके अलावा अन्य (स्नान पर्व) के अलावा सामान्य दिनों में खोए 24,896 लोगों का भी उनके परिवारों के साथ पुनर्मिलन कराया गया। इस तरह महाकुम्भ के समापन पर 35,083 लोगों को उनके परिजनों से मिलाया गया। इनमे से अभी 869 लोग अपने परिवार तक नहीं पहुच सके है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर संपूर्ण महाकुम्भ क्षेत्र में 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए। इनमें अगर अत्याधुनिक एआई आधारित चेहरा पहचान प्रणाली, मशीन लर्निंग और बहुभाषीय समर्थन जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं का संगम देखने को मिला।