प्रयागराज, 6 मार्च 2025, गुरुवार। गंगा जल की वैश्विक प्रतिष्ठा में वृद्धि हो रही है, खासकर इसकी शुद्धता और विशेष गुणों के कारण। वैज्ञानिक समुदाय में इसके अनोखे गुणों पर चर्चा हो रही है, और एकेडमिया जैसी प्रतिष्ठित संस्था इसके रहस्यों को उजागर करने के लिए उत्सुक है। पद्मश्री वैज्ञानिक डॉक्टर अजय सोनकर के अनुसार, गंगा जल में 1100 प्रकार के बैक्टीरियोफेज मौजूद हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं। यह खोज दुनिया भर के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को आकर्षित कर रही है।
गंगा जल की लोकप्रियता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गंगा संरक्षण और संवर्धन की पहल को वैश्विक मान्यता दिलाई है। लोग दुनिया भर में गंगा जल के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए उत्सुक हैं, और यूट्यूब व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गंगा जल से जुड़े वीडियो तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। हैदराबाद, अंडमान, तमिलनाडु से लेकर अमेरिका, इटली, कनाडा और स्विट्जरलैंड तक लोग गंगाजल अपने साथ ले गए हैं। यह जल न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि इसकी वैज्ञानिक विशेषताओं ने भी लोगों को आकर्षित किया है।
डॉक्टर अजय सोनकर ने बताया कि विश्व के बड़े वैज्ञानिक और शोधकर्ता गंगाजल की खूबियों को लेकर प्रतिदिन उनसे नई-नई जानकारी मांगते हैं। जिसे उपलब्ध कराया जा रहा है। यहां से विश्व के तमाम देशों के लोग गंगा जल अपने साथ लेकर गए। अपने घर पर रखा क्रिस्टल क्लियर गंगाजल देख पूरी दुनिया अभिभूत है।
गंगा जल की पारदर्शिता और शुद्धता को देखकर लोग चकित हैं। कई विदेशी पर्यटक इसे अपने घरों में रखने को लेकर उत्सुक हैं। गंगा जल अब न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि यह लोगों के लिए एक स्टेटस सिंबल भी बन चुका है। लोग गंगाजल को विभिन्न बर्तनों में रखकर उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं। धार्मिक महत्व के साथ-साथ गंगा जल अब एक सांस्कृतिक विरासत बन गया है। जिसे लोग गर्व से अपने साथ रख रहे हैं।