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Sunday, July 6, 2025

बेहतरीन शार्ट फिल्म बनीं ‘हैप्पी दशहरा’ और ‘शाम तक’, युवा फ़िल्म मेकरों ने जीते अवार्ड

मेरठ, 2 मार्च 2025, रविवार: यूपी के मेरठ जिले में स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अटल विज्ञान हाल में नवांकुर 2025 कार्यक्रम में बेहतरीन शार्ट फ़िल्म बनाने वाले होनहार युवाओं को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर आरएसएस के क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम सिंह ने विचार के साथ युवा फ़िल्म मेकरों से अपनी प्रस्तुति देने का आवाहन किया वहीं वरिष्ठ पत्रकार व सेंट्रल फ़िल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड (CBFC) की सदस्या अनिता चौधरी ने युवा फ़िल्म मेकरों को समाज के लिए अपनी भूमिका को दायित्वबोध संग निभाने की बात कही।
नवांकुर 2025 कार्यक्रम में दिए गए पुरस्कार
यूनिवर्सिटी के अटल विज्ञान हाल में मेरठ चलचित्र सोसाइटी एवं तिलक स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन द्वारा नवांकुर 2025 के पांचवे संस्करण का आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत सरस्वती वंदना के बीच दीप प्रज्जवलन से की गई। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी मंच पर हुए। जूरी मेंम्बर्स द्वारा शार्ट फ़िल्म मेकिंग में 55 फिल्मों में 21 का चयन अवार्ड के लिए किया गया था। जिसमे 15 मिनट की श्रेणी में ‘हैप्पी दशहरा’ को और पांच मिनट की श्रेणी में ‘शाम तक’ के फ़िल्म मेकर को पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा पहले व दूसरे स्थान पर रहे फ़िल्म मेकरों को सम्मान राशि दी गई।
खास मेहमानों ने फ़िल्म मेकरों का बढ़ाया हौसला
समारोह के खास मेहमानों के रूप में वरिष्ठ पत्रकार अनिता चौधरी व आरएसएस के क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम सिंह के अलावा चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो.संगीता शुक्ला, प्रो.मृदुल गुप्ता, प्रो.संजीव शर्मा, नगीन प्रकाशन के चेयरमैन मोहित जैन भी शामिल रहे। सभी ने अपने सम्बोधन से युवा फ़िल्म मेकरों का हौसला बढ़ाया।
क्षेत्र प्रचार प्रमुख बोले- क्षेत्रीय व समसमायिक विषयों को चुनें फ़िल्म मेकर
कार्यक्रम में आरएसएस के क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम सिंह ने कहा कि आज देश का युवा वातावरण परिवर्तन के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। फ़िल्म एक ऐसा माध्यम है जिसमे हम अपनी बात लाखों लोगों को एक विचार के साथ सरलता से दे सकते हैं। समाज को संदेश देने वाली फिल्में यहां तक पहुंची हैं। युवा देश के अन्य विषयों को छोड़कर क्षेत्रीय व समसामयिक विषयों को भी फ़िल्म मेकिंग का हिस्सा बनाएं। ऐसा होगा तो समाज में जो विकृतियां हैं वो दूर होंगीं। छावा फ़िल्म का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा हमारे महापुरुषों ने धर्म समाज परम्परा की रक्षा के लिए अपने शरीर के सारे अंग कटवा डाले लेकिन अपने विचारों को नहीं छोड़ा। कोई यातना उन्हें टस से मस नहीं कर सकी। एक समय ऐसा आया कि हम अपने शास्त्रों से अलग हो गए। आज युवाओं ने शास्त्रों को पढ़ना शुरू किया तभी ऐसे संदेश समाज तक जा रहे हैं। उन्होंने नवांकुर के अगले संस्करण को युग परिवर्तन का माध्यम बनने की बात कही।
वरिष्ठ पत्रकार व सीबीएफसी सदस्या अनिता चौधरी ने कहा- दायित्व बोध के साथ बनाएं फिल्में
वरिष्ठ पत्रकार व सीबीएफसी की सदस्या अनिता चौधरी ने कार्यक्रम में मौजूद युवा फ़िल्म मेकरों से मुखातिब होकर कहा कि पहले भी शार्ट फिल्में व दो-दो मिनट की एड फिल्में बनतीं उनका समाज पर प्रभाव भी पड़ता था। भविष्य हमेशा वर्तमान से जुड़ा रहता है। महज पढ़ लिखकर ब्यूरोक्रेट्स या अन्य फील्ड में जाने की जगह अपनी क्रिएटिविटी को भी माध्यम बनाया जा सकता है। इसमें व्यापक स्कोप है। डाक्यूमेंट्री, जर्नलिज्म, फिल्म मेकिंग,एड फ़िल्म कोई भी क्षेत्र चुन सकते हैं। आप जब फ़िल्म बनाएं तो दायित्वबोध के साथ बनाएं और फ़िल्म देखने जाएं तो जिम्मेदार बनकर देखें ताकि कौन सी फ़िल्म आपके लिए परिवार व समाज के लिए चाहिए उसका चयन कर सकें।

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