नई दिल्ली, 2 मार्च 2025, रविवार। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की वैश्विक शिक्षा निगरानी (जीईएम) टीम के अनुसार, वैश्विक आबादी में लगभग 40 प्रतिशत लोगों के पास उस भाषा में शिक्षा हासिल करने की सुविधा नहीं है, जिसे वे बोलते या समझते हैं। यह समस्या विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अधिक प्रचलित है, जहां यह आंकड़ा 90 प्रतिशत तक पहुंच जाता है।
जीईएम टीम के अनुसार, घरेलू भाषाओं का उपयोग करने की शिक्षकों की सीमित क्षमता, घरेलू भाषाओं में पाठ्य सामग्री की अनुपलब्धता, और सामुदायिक विरोध जैसी चुनौतियां इस समस्या को और बढ़ा देती हैं। लगभग 25 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी इससे प्रभावित हैं।
इस समस्या के समाधान के लिए, जीईएम अधिकारियों ने राष्ट्रों से बहुभाषी शिक्षा नीतियां और तौर-तरीके लागू करने की सिफारिश की है, जिसका लक्ष्य सभी शिक्षार्थियों को लाभ पहुंचाने वाली शैक्षिक प्रणाली बनाना हो।