वाराणसी में अमेरिकी महिला ने अपनाया सनातन धर्म, ब्रह्मचर्य की दीक्षा लेकर बनीं अपर्णा देवी
वाराणसी, 27 फरवरी 2025, गुरुवार। वाराणसी में महाशिवरात्रि के अवसर पर अमेरिका की एक महिला, अन्ना थेरेसा फ्लोरे ने सनातन धर्म अपनाया और ब्रह्मचर्य की दीक्षा ग्रहण की। इस अवसर पर 11 पंडितों ने अन्ना से शिव का जलाभिषेक कराया और शक्तिधाम आश्रम की संस्थापक जगद्गुरु साईं मां लक्ष्मी देवी ने उनका नया नाम अपर्णा देवी रखा।
अन्ना थेरेसा फ्लोरे ने इस अनुभव को अद्भुत बताया और कहा कि वह सनातन धर्म से अभिभूत हैं। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की सरलता उन्हें आकर्षित करती है और यह एहसास उन्हें आनंदित करता है। उन्होंने यह भी कहा कि अब उन्हें लगता है कि जीवन का लक्ष्य मिल गया है और उनका जीवन सनातन को समर्पित रहेगा।
अन्ना थेरेसा ने बताया कि पहले वह एक कंपनी में काम करती थीं, लेकिन धीरे-धीरे सनातन धर्म के प्रति उनका झुकाव बढ़ता चला गया। पांच साल पहले वह साईं मां के संपर्क में आईं और उनसे सनातन धर्म के बारे में विस्तार से जाना। उन्होंने महाकुंभ में भी भाग लिया, जहां उन्होंने साधु-संतों से मिलकर अपने जीवन को एक नया मोड़ दिया।
जगद्गुरु साईं मां बोलीं- सनातन धर्म ही दिखा सकता है आज के युवाओं को सही राह
श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा से जुड़ी मॉरीशस की रहने वाली जगद्गुरु साईं मां ने सनातन धर्म की महानता को बयां किया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म अपने आप में अद्भुत है और यह आज के युवाओं को सही राह दिखा सकता है।
जगद्गुरु साईं मां ने बताया कि सनातन धर्म की जड़ें हजारों साल पुरानी हैं और यह धर्म आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की शिक्षाएं आज के युवाओं को नशे और तनाव से मुक्ति दिला सकती हैं।
जगद्गुरु साईं मां के शिष्य दुनिया भर में फैले हुए हैं, जिनमें अमेरिका, जापान, कनाडा, यूरोप, इजराइल और दक्षिण अमेरिका जैसे देश शामिल हैं। उन्होंने कहा कि लोग सनातन धर्म की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और इसे अपना रहे हैं क्योंकि यह धर्म उन्हें शांति और संतुष्टि प्रदान करता है।