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Wednesday, August 6, 2025

12 भारतीय प्रवासियों को लेकर एक विमान नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा

12 भारतीय प्रवासियों को लेकर एक विमान नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। इन भारतीयों को पनामा से लाया गया है। अमेरिका अपने यहां पकड़े गए अवैध लोगों को पनामा में शिफ्ट कर रहा है। इसके बाद वहां से उनके देश भेजा जा रहा है।

चार युवक पंजाब के

पनामा से भारत आने वाली यह पहली फ्लाइट है। अधिकारियों के मुताबिक इनमें से चार लोग पंजाब के रहने वाले हैं। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के तीन-तीन युवक शामिल हैं। पहले तीन जत्थों में अमेरिका 332 भारतीयों को वापस भेज चुका है। अब तक कुल 344 भारतीय को वतन भेजा जा चुका है। 

तुर्की एयरलाइंस से भेजे गए सभी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पनामा से इन 12 भारतीयों को तुर्की एयरलाइंस की फ्लाइट से नई दिल्ली लाया गया है। इसके बाद पंजाब के रहने वाले चार लोगों को एक अन्य फ्लाइट से अमृतसर भेजा गया है।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में अपने देश से निर्वासित लगभग 300 अप्रवासियों को पनामा के होटल में ठहराया है। यहां से उन्हें उनके देश भेजने की तैयारी चल रही है। कोस्टा रिका, पनाना और निकारागुआ अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने में अमेरिका के साथ मिलकर काम करने में जुटे हैं। पनामा में मौजूद 300 में से सिर्फ 171 लोगों ने ही अपने देश लौटने पर सहमति व्यक्त की है। बाकी लोगों को एक कैंप में भेजा गया है।

5 फरवरी को आया पहला जत्था

अमेरिका ने सबसे पहले 5 फरवरी को अवैध भारतीय प्रवासियों का एक जत्था भारत भेजा था। अमेरिकी वायुसेना के विमान में कुल 104 लोगों को भेजा गया था। यह विमान पंजाब के अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा था। भारतीय लोगों के हाथों पर हथकड़ी और पैरों पर बेड़ियों की तस्वीर सामने आने के बाद अमेरिका की खूब आलोचना भी हुई थी।
15 फरवरी को अमेरिका का दूसरा विमान 116 भारतीयों के साथ दोबारा अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। इस बार भी लोगों कों हथकड़ियों और बेड़ियों में जकड़ा गया था। विमान से उतरने से पहले बेड़ियों और हथकड़ियों को हटा लिया गया था। महिलाओं और बच्चों के हाथ और पांव इस बार नहीं बांधे गए थे।

16 फरवरी को आया तीसरा विमान

भारतीय नागरिकों को लेकर अमेरिकी वायुसेना का तीसरा विमान 16 फरवरी को अमृतसर पहुंचा। इसमें कुल 112 अप्रवासी भारतीय थे। अमेरिका से भेजे गए जत्थे में सात बच्चे भी शामिल थे। इस बार भी महिलाओं और बच्चों को छोड़कर बाकी सभी लोगों को हथकड़ी और बेड़ियां पहनाई गई थीं।

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