एसिड अटैक पीड़िताओं के लिए न्याय की नई उम्मीद
प्रयागराज, 19 फरवरी 2025, बुधवार। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरठ के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को एसिड अटैक सर्वाइवर को मुआवजा देने में देरी करने पर कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने डीएम को एक सप्ताह में संबंधित दस्तावेज केंद्र सरकार को भेजने का आदेश दिया ताकि संबंधित विभाग युद्ध स्तर पर कार्रवाई कर सके और छह सप्ताह में उत्तरजीवी/याचिकाकर्ता को अतिरिक्त मुआवजा दे सके।
अदालत रजनीता नामक महिला द्वारा दायर रिट याचिका पर विचार कर रही थी, जिसने दावा किया था कि वह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के तहत एसिड अटैक सर्वाइवर्स को देय 1,00,000/- रुपये का अतिरिक्त मुआवजा पाने के लिए 2013 से ही इधर-उधर भटक रही है।
न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ और न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की पीठ ने जिला मजिस्ट्रेट के “उदासीन” दृष्टिकोण पर गंभीर आपत्ति जताई। अदालत ने कहा कि अधिकारियों को लोगों की सेवा करने के अपने प्राथमिक कर्तव्य को पूरा करने की आवश्यकता है, विशेष रूप से उन लोगों की जो हिंसा के गंभीर कृत्यों से विकलांग हो गए हैं।
इस मामले में अदालत ने राज्य सरकार से सभी जिलाधिकारियों को एक परिपत्र जारी करने को भी कहा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में इस प्रकार की देरी दोबारा न हो।