नई दिल्ली, 11 फरवरी 2025, मंगलवार। उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि लॉटरी वितरक केंद्र सरकार को सेवा कर देने के लिए बाध्य नहीं हैं। न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन.के. सिंह की पीठ ने सिक्किम उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हुए यह फैसला सुनाया।
इस फैसले में कहा गया है कि लॉटरी वितरक राज्य सरकार को जुआ कर (गैंबलिंग टैक्स) देना जारी रखेंगे, लेकिन केंद्र सरकार को सेवा कर देने के लिए बाध्य नहीं हैं। न्यायालय ने यह भी कहा है कि लॉटरी टिकट के खरीदार और फर्म के बीच हुए लेन-देन पर सेवा कर नहीं लगाया जाता है।
यह फैसला केंद्र सरकार की एक याचिका के खिलाफ आया है, जिसमें कहा गया था कि लॉटरी वितरक को सेवा कर देना चाहिए। लेकिन न्यायालय ने इस याचिका को खारिज कर दिया है और कहा है कि केवल राज्य सरकार ही लॉटरी पर कर लगा सकती है, केंद्र नहीं।