नई दिल्ली, 9 फरवरी 2025, रविवार। भारत का मोबाइल बाजार वास्तव में बुलंदी पर है! पिछले एक दशक में भारत ने मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में अद्भुत प्रगति की है। 2014 में सिर्फ दो फैक्ट्रियों से शुरू होकर आज 300 से अधिक फैक्ट्रियां काम कर रही हैं। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चर करने वाला देश बन गया है। 2014-15 में भारत में बिकने वाले सिर्फ 26% मोबाइल फोन स्थानीय स्तर पर बनाए गए थे, लेकिन अब यह आंकड़ा 99.2% हो गया है।
मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भारत की प्रगति वास्तव में प्रभावशाली है। वित्त वर्ष 2014 में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग 18,900 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 4,22,000 करोड़ रुपये हो गई है। इसके अलावा, भारत में हर साल 325 से 330 मिलियन मोबाइल फोन बनाए जाते हैं।
भारत सेमीकंडक्टर मिशन मैन्युफैक्चरिंग ईकोसिस्टम को मजबूती देने के लिए पांच प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जिनमें Micron, Tata Electronics, CG Power, और Keynes शामिल हैं। इन प्रोजेक्ट्स का मकसद दुनियाभर में सेमीकंडक्टर के लिहाज से पहचान कायम करना है।
इस प्रगति के साथ ही लाखों रोजगार के मौके भी बने हैं। पिछले एक दशक में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग से करीब 12 लाख जॉब पैदा हुई हैं। ‘मेक इन इंडिया’ पहल की वजह से मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को पंख मिले ही हैं, साथ में उन कंपनियों को भी इससे फायदा हुआ है, जो मोबाइल फोन से जुड़े छोटे-छोटे कॉन्पोनेंट्स बनाती हैं।