प्रयागराज, 3 फरवरी 2025, सोमवार। महाकुंभ के तीसरे और आखिरी अमृत स्नान पर वसंत पंचमी के अवसर पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के तट पर आस्था का जन ज्वार उमड़ पड़ा। रात 12 बजे के बाद से ही श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में डुबकी लगानी शुरू कर दी, जो कि भोर में चार बजे के बाद और भी तेज हो गई।
हर हर महादेव और हर हर गंगे के उद्घोष के साथ भक्तों ने पुण्य की डुबकी लगाई और मनवांछित फल की कामना की। पूरी रात अखाड़ों की ओर से शाही स्नान की तैयारी की जाती रही, जिसमें शाही रथों और बग्घियों को सजाकर अखाड़ों के महामंडलेश्वर और संत अमृत स्नान के लिए रवाना हुए।
साढ़े चार बजे अखाड़ों ने स्नान शुरू किया, जिसमें गाजे बाजे के साथ भाला, तलवार और गदा के साथ प्रदर्शन करते हुए अखाड़े संगम तट पर पहुंचे रहे हैं। यह दृश्य देखने के लिए लाखों श्रद्धालु संगम तट पर जमा हुए हैं, जो कि अपने जीवन के इस पवित्र पल को यादगार बनाने के लिए उत्साहित हैं।