नई दिल्ली, 2 फरवरी 2025, रविवार। सीबीआई ने भ्रष्टाचार के एक मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए नैक की इंस्पेक्शन कमेटी के अध्यक्ष और जेएनयू प्रोफेसर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में आंध्र प्रदेश के गुंटूर स्थित कोनेरू लक्ष्मैया एजुकेशन फाउंडेशन के कुलपति और दो अन्य अधिकारी भी शामिल हैं।
सीबीआई ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों पर रिश्वत लेने और देने का आरोप है। एजेंसी ने कहा कि मामले के संबंध में चेन्नई, बेंगलुरु, विजयवाड़ा, पलामू, संबलपुर, भोपाल, बिलासपुर, गौतमबुद्धनगर और नई दिल्ली में 20 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, “37 लाख रुपये नकद, छह लैपटॉप, एक आईफोन 16 प्रो मोबाइल फोन और अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किए गए हैं।” उन्होंने बताया कि नैक की इंस्पेक्शन कमेटी के अध्यक्ष समरेंद्र नाथ साहा को भी गिरफ्तार किया गया है, जो रामचन्द्र चंद्रवंशी विश्वविद्यालय के कुलपति भी हैं।
इसके अलावा, सीबीआई ने कहा कि कमेटी के सदस्य जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजीव सिजारिया, भारत इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ के डीन डी. गोपाल, जागरण लेकसिटी विश्वविद्यालय के डीन राजेश सिंह पवार, जी एल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के निदेशक मानस कुमार मिश्रा, दावणगेरे विश्वविद्यालय की प्रोफेसर गायत्री देवराज और संबलपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बुलु महाराणा को भी गिरफ्तार किया गया है।
सीबीआई ने कहा कि केएलईएफ के अध्यक्ष कोनेरू सत्यनारायण, एनएएसी के पूर्व उप सलाहकार एल मंजूनाथ राव, बेंगलुरु विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एम. हनुमंथप्पा और एनएएसी के सलाहकार एम एस श्यामसुंदर का नाम भी बतौर आरोपी एफआईआर में दर्ज किया गया है। हालांकि, उन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।