नई दिल्ली, 24 जनवरी 2025, शुक्रवार। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा है कि वह संभल में संपत्तियों को ध्वस्त करने के संबंध में अपने आदेश के कथित उल्लंघन के लिए प्राधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुरोध वाली याचिका पर एक सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।
यह याचिका न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई थी। याचिकाकर्ता मोहम्मद गयूर की ओर से पेश हुए वकील ने सुनवाई के लिए कुछ समय का स्थगन मांगा और कहा कि बहस करने वाले वकील व्यक्तिगत परेशानी में हैं।
इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने पहले 13 नवंबर को एक फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि बिना कारण बताओ नोटिस के किसी भी संपत्ति को ध्वस्त नहीं किया जाना चाहिए और प्रभावितों को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश के संभल में अधिकारियों ने उनकी संपत्ति को ध्वस्त करने से पहले उन्हें या उनके परिवार के सदस्यों को कोई पूर्व सूचना या अवसर नहीं दिया था।