नई दिल्ली, 24 जनवरी 2025, शुक्रवार। दिल्ली विधानसभा चुनाव में करावल नगर सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रदेश की जनता उपराज्यपाल और केंद्र सरकार से बार-बार उलझने वाली आप सरकार से तंग आ चुकी है और भाजपा को एक विकल्प के रूप में देख रही है। मिश्रा ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी शासन के मुद्दों पर विफल रही है, और पार्टी के पास मुख्यमंत्री पद का कोई उम्मीदवार नहीं है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल पर पाबंदियां लगा रखी हैं।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के आरोपी लोगों के चुनाव लड़ने से दिल्ली के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। कपिल मिश्रा के बयान से यह स्पष्ट है कि भाजपा, आम आदमी पार्टी सरकार की विफलताओं को चुनाव में मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। बता दें, करावल नगर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के कपिल मिश्रा का मुकाबला सत्तारूढ़ ‘आप’ के मनोज त्यागी और कांग्रेस के पीके मिश्रा से होगा। इस क्षेत्र में 2020 में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। यहां 3.07 लाख से अधिक मतदाता हैं।
कपिल मिश्रा ने कहा, “दंगों के घाव अभी भी ताजा हैं और जो हुआ उसे हम नहीं भूलेंगे। आरोपियों को चुनाव मैदान में लाना हमारे घावों पर नमक छिड़कने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।” उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी दंगों के नाम पर वोट नहीं मांग रही है। कपिल मिश्रा ने कहा, “ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद सीट से टिकट दिया गया है, जिससे दिल्ली के लोग आहत हैं। वे जानबूझकर हमारे जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं।”
दंगों में कथित संलिप्तता के लिए जेल में बंद पूर्व आप पार्षद हुसैन, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के टिकट पर मुस्तफाबाद सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। एआईएमआईएम ने शफा-उर-रहमान को ओखला से टिकट दिया है, जो दंगों से संबंधित मामले में जेल में हैं। कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया कि ‘आप’ और कांग्रेस दोनों ही केवल मुस्लिम मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और उन्हें दिल्ली के बाकी निवासियों की कोई परवाह नहीं है।
गौरतलब है कि, फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़पों के बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 50 से अधिक लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। इस हिंसा के पीछे भाजपा नेता कपिल मिश्रा के एक विवादास्पद भाषण को जिम्मेदार ठहराया गया था, जिसमें उन्होंने दिल्ली के जाफराबाद में सीएए के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन करने वालों को हटने के लिए अल्टीमेटम दिया था।
कपिल मिश्रा ने अपनी हिंदुत्व छवि के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्हें इसके लिए “सकारात्मक प्रतिक्रिया” मिली है। उन्होंने आगे कहा, “हम नकारात्मक टिप्पणियों से प्रभावित नहीं होते।” मिश्रा ने यह भी कहा कि हिंदुत्व उनके लिए चुनावी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह उनकी जीवनशैली है।
भाजपा नेता ने दिल्ली के लोगों की आकांक्षाओं के बारे में भी बात की, कहा कि वे ऐसी सरकार चाहते हैं जो शहर के विकास के लिए प्रधानमंत्री के साथ मिलकर काम कर सके। उन्होंने आम आदमी पार्टी की आलोचना भी की, कहा कि लोग इस पार्टी से निराश हैं क्योंकि यह लगातार केंद्र सरकार या उपराज्यपाल से उलझती रहती है। मिश्रा ने यह भी दावा किया कि लोग अब भाजपा को विकल्प के तौर पर देख रहे हैं।