महाकुंभ में माघ महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर संगम की पावन धरा पर योगी सरकार की मंत्रिपरिषद की बैठक तीर्थराज के लिए काफी महत्वपूर्ण रही। इस बैठक में तीर्थराज के लिए पारित प्रस्तावों में गंगा और यमुना पर दो नए पुल के निर्माण से गंगापार और यमुनापार के लगभग 20 लाख की आबादी का आवागमन सुगम होगा। कई जिलों की दूरी भी घटेगी।
गंगा नदी पर सलोरी से हेतापट्टी तक चार लेन का पुल बनेगा। इसकी मांग अरसे से की जा रही थी। शहर को गंगापार और दो दर्जन से अधिक शहर को जोड़ने के लिए अभी तक चंद्रशेखर आजाद ब्रिज फाफामऊ तथा शास्त्री ब्रिज झूंसी ही है। फाफामऊ पुल दो लेन का है जबकि शास्त्री ब्रिज चार लेन का है।
फाफामऊ में बन रहा छह लेन का पुल
फाफामऊ में तो छह लेन का पुल लगभग दो हजार करोड़ रुपये से बन रहा है, जो इसी वर्ष जुलाई या अगस्त तक तैयार हो जाएगा। शास्त्री ब्रिज पर वाहनों का ज्यादा दबाव रहता है। इस पुल से सामान्य दिनों में 18 हजार के करीब वाहनों का आवागमन होता है जबकि महाकुंभ के दौरान इन दिनों में यह संख्या बढ़कर 30 से 31 हजार तक पहुंच गई है। ऐसे में पुल के साथ ही झूंसी साइड और शहर की ओर अलोपीबाग में अक्सर जाम लगता है।
रात में नो इंट्री छूटने पर ट्रक आदि भारी वाहनों के चलने से आवागमन में काफी परेशानी होती है। सलोरी से हेतापट्टी तक नए ब्रिज के बनने से न सिर्फ गंगापार के सहसों, बहरिया, फूलपुर, प्रतापपुर आदि क्षेत्रों के लोगों को लाभ मिलेगा, बल्कि जौनपुर, आजमगढ़, मऊ के साथ ही गोरखपुर की भी राह आसान होगी। इस पुल के बनने से प्रयागराज और गोरखपुर के बीच एक से डेढ़ घंटे का समय बच सकेगा। यही नहीं सबसे महत्वपूर्ण कि वाहनों का ईंधन भी बचेगा।
यमुना नदी पर शहर के लिए अभी तक दो पुल हैं। एक पुल अंग्रेजों के जमाने का है जो नैनी से गऊघाट को जोड़ता है, जबकि नया पुल लगभग तीन दशक पहले बनाया गया था। पुराने पुल पर भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित है। नए पुल पर ही भारी वाहनों का आवागमन होता है। रात में नो इंट्री खुलने पर पुल पूरी तरह से चोक हो जाता है।जाम की यह हालत होती है कि रीवा राजमार्ग पर छह किमी दूर मामा भांजा तालाब बाजार और मीरजापुर मार्ग पर रामपुर तक वाहनों की कतार लग जाती है। इस सिग्नेचर पुल पर दिन में भी वाहनों का काफी दबाव है। यमुना पर नए पुल की मांग काफी समय से हो रही है।
अब करैलाबाग से मड़ौका तक छह लेन के नए पुल का प्रस्ताव पारित हुआ है तो इसके जल्द निर्माण शुरू होने की उम्मीद भी लोगों में जग गई है।इस पुल के बनने से मीरजापुर, सोनभद्र, चंदौली तथा मध्य प्रदेश के रीवा, सीधी, शहडोल के वाहनों को प्रयागराज, कानपुर, लखनऊ जाने में आसानी होगी। इसके साथ ही प्रयागराज के बारा, जसरा, शंकरगढ़, नारीबारी, लेड़ियारी, खीरी, कोरांव क्षेत्र के लोगों का भी आवागमन बेहतर होगा।