झारखंड की राजधानी रांची के चुटिया थाने के दारोगा (सब इंस्पेक्टर) सुभाष लकड़ा को उसी इलाके के मुकचूंद टोली में अपराधियों ने गुरुवार की शाम गोली मारकर घायल कर दिया। इससे पहले पकड़ने गए दारोगा की हमलावरों के साथ गुत्थम-गुत्थी हुई। खुद को कमजोर पड़ता देख अपराधियों में से एक ने पास रखी पिस्टल से दरोगा पर गोली चला दी।
दारोगा को गोली मारने के बाद बेखौफ अपराधी स्कूटी से कांटोटोली की ओर भाग निकले। जांघ में गोली लगने से जख्मी दारोगा को पहले स्टेशन रोड स्थित गुरुनानक अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए बूटी मोड़ स्थित मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया है। देर रात तक उनकी स्थिति स्थिर बनी हुई थी। 2018 बैच के सुभाष लकड़ा मूल रूप से गोड्डा जिले का रहने वाले हैं। इधर, घटना के बाद रांची पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। घटना के बाद पुलिस की चार टीम ने चुटिया और उसके आसपास के इलाके में हमलावरों की तलाश की। लेकिन वे पकड़े नहीं जा सके। पुलिस के मुताबिक हमलावरों के नाम और ठिकाने का पता चल गया है। पुलिस का दावा है कि दोनो अपराधियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
जख्मी होने तक भिड़े रहे, मैगजीन छीनी
पुलिस के अनुसार चुटिया इलाके में हाल के दिनों में लगातार लूट और झपटमारी की घटनाएं हो रही थी। इस बीच पुलिस को इनपुट मिला कि लूट और झपटमारी करने वाले अपराधी मुकचुंद टोली इलाके से ऑक्सफोर्ड स्कूल से होकर स्कूटी से गुजर रहे हैं। इसकी सूचना मिलने के बाद चुटिया थाना के पांच अलग अलग पुलिसकर्मी निकले। एक छोर पर दरोगा सुभाष लकड़ा अपनी बाइक से अकेले ही पकड़ने गए थे। इस दौरान दरोगा ने मुकचूंद टोली चौक पर अपराधियों को दबोच लिया। अपराधियों ने इसका विरोध कर दिया। दोनो के बीच मारपीट शुरू हो गई। इसी क्रम में दरोगा ने दोनो अपराधियों को अकेले ही सड़क पर पटक दिया। पीटना शुरू कर दिया।
इस बीच दरोगा ने अपराधी के पिस्टल से मैगजीन निकल ली। इसी दौरान एक अपराधी दरोगा के चंगुल से खुद को छुड़ाकर भागा। कुछ दूर भागने के बाद वह फिर लौटा और पिस्टल निकालकर दरोगा के जांघ में गोली मार दी। जिससे दरोगा के हाथ से दूसरा अपराधी भी छूट गया। दोनो अपराधी ब्लू रंग की स्कूटी से कांटाटोली की ओर फरार हो गया। भागते समय एक अपराधी का सड़क पर मोबाइल भी गिर गया।घटना की जानकारी मिलने के बाद अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। घायल दरोगा को गुरुनानक अस्पताल ले गए, जहां से बेहतर इलाज के लिए मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूचना मिलने के बाद सिटी एसपी सौरभ समेत कई पुलिस अफसर मेडिका पहुंचे।
तमाशबीन बने रहे लोग, किसी ने नहीं की दरोगा की मदद
जिस समय दरोगा अपराधियों का सामना कर रहे थे, इस दौरान उनकी मदद में कोई भी सामने नहीं आया। बल्कि स्थानीय लोग और राहगीर तमाशबीन बने रहे। चुपचाप सभी देखते रहे। अपराधियों से भिड़ने के दौरान एक-दो भी स्थानीय लोग दरोगा की मदद करते तो अपराधी पकड़ लिए जाते और दरोगा को गोली नहीं लगती।
सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस
अपराधियों के आने और जाने वाले रोड के सारे सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रही है ताकि उनकी गतिविधि से अपराधियों की पहचान की जा सके। पुलिस अपराधियों के पास से मिली मोबाइल से भी उनका पता लगा रही है। पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले हैं, इसके आधार पर छापेमारी भी की जा रही है। हालांकि अपराधी अभी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।
साहस का दिया परिचय
सिटी एसपी सौरभ ने कहा कि दरोगा ने साहस का परिचय दिया है। अपराधियों से अकेले ही भिड़ गए। उनका मैगजीन भी छीन लिया। स्थानीय लोगों का सहयोग मिलता तो अपराधी मौके पर ही पकड़े जाते।
सादे लिबास में थे दरोगा, निहत्था होने की जांच
जख्मी दरोगा घटना के समय सादे लिबास में ही अपराधी को पकड़ने के लिए गए थे। उस समय उनके पास सर्विस हथियार था कि नहीं, इसकी जांच की जा रही है। जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि उस समय वह हथियार के साथ थे या फिर निहत्थे। साथ में हथियार था तो उससे उन्होंने किस परिस्थिति में आत्मरक्षा के लिए फायरिंग नहीं की।