मिर्जापुर, 19 जनवरी 2025, रविवार। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित ऐतिहासिक राम जानकी मंदिर से तीस करोड़ की अष्टधातु की मूर्ति चोरी का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है। यह चोरी मंदिर के पुजारी और उनके साथियों ने मिलकर की थी, जिसमें समाजवादी पार्टी का एक कद्दावर नेता भी शामिल था। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जिनमें पुजारी और समाजवादी पार्टी के नेता भी शामिल हैं। यह गिरफ्तारी पुलिस की ओर से की गई एक बड़ी कार्रवाई है, जो इस बात को दर्शाती है कि पुलिस इस तरह के अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए तैयार है।
इस मामले में पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि मंदिर के पुजारी ने अपने सपा नेता साथियों के साथ मिलकर मूर्ति चोरी की थी, जिसके बाद उन्होंने मूर्ति को बेचने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने समय पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और मूर्ति को बरामद कर लिया। यह मामला एक बार फिर से यह साबित करता है कि योगी की पुलिस इस तरह के अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए तैयार है, और अपराधियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
मिर्जापुर में बड़ा खुलासा: राम जानकी मंदिर के पुजारी और सपा नेता ने मिलकर चोरी की 30 करोड़ की मूर्ति!
मिर्जापुर के पड़री थाना क्षेत्र के कठिनई स्थित राम जानकी मंदिर से 14 जनवरी को प्राचीन अष्टधातु की मूर्ति चोरी हो गई थी। इस मामले में मंदिर के पुजारी वंशीदास ने पड़री थाने में तहरीर देकर मामला दर्ज करवाया था। लेकिन जांच के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि मंदिर का पुजारी वंशीदास गुरु ही मूर्ति चोरी का मास्टरमाइंड था। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर मूर्ति चोरी की थी, जिसका मूल्य लगभग 30 करोड़ रुपये बताया जा रहा है।
पुलिस पूछताछ में पुजारी वंशीदास ने बताया कि मंदिर के मालिकाना हक को लेकर महाराज जयराम दास और सतुआ बाबा के बीच विवाद चल रहा था। जयराम दास ने विवाद खत्म होने के बाद वंशीदास को संपत्ति देने की बात कही थी, लेकिन वह यह गद्दी वंशीदास के बजाय अपने भतीजे को देना चाहते थे। इस पर पुजारी वंशीदास बाबा ने प्रयागराज समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय सचिव राम बहादुर पाल (जो प्रयागराज से जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं) और उनके ड्राइवर लवकुश पाल, मुकेश कुमार सोनी को बुलाकर मूर्ति दिखाई। जब मूर्ति अष्टधातु की निकली, तो पुजांरी और उसके साथियों ने उसे मंदिर से चुराकर हैमाई पहाड़ी मंदिर में छिपा दिया। जब वह उसे लेने गए तो पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
एसपी के निर्देशन में पुलिस की बड़ी कार्रवाई: मिर्जापुर में 30 करोड़ की मूर्ति चोरी का मामला सुलझा, पुजारी और तीन अन्य गिरफ्तार
अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने बताया कि मिर्जापुर जिले के पड़री थाना क्षेत्र के ग्राम कठिनई में स्थित राम जानकी मंदिर से अष्टधातु की मूर्तियों की चोरी हुई थी। चोरी हुई मूर्तियों की कीमत लगभग तीस करोड़ रुपये है। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मंदिर के पुजारी बंसी बाबा भी शामिल हैं। आरोपी ने सबसे पहले सुनार को बुलाकर मूर्तियों की जांच कराई और जब मूर्तियां बेशकीमती निकलीं, तो उसने उन्हें चोरी करवा दिया। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है। एसपी ने बताया कि बताया कि सीओ सदर अमर बहादुर के नेतृत्व में पड़री थानाध्यक्ष दयाशंकर ओझा, सर्विलांस प्रभारी मानवेंद्र सिंह और एसओजी प्रभारी राजीव कुमार सिंह मामले की जांच में जुटे थे। पुलिस ने मार्ग में लगे सीसी कैमरों फुटेज की जांच की तो आश्रम की गाड़ी रात में आते-जाते दिखी। इसके बाद पुलिस को बंशी बाबा पर शक हुआ। शनिवार को सुबह पुलिस ने हाईमाई मंदिर के पास छिपाकर रखी गईं मूर्तियों को लेने पहुंचे बंशी बाबा निवासी दसोपुर थाना कोईरौना भदोही, लवकुश पाल निवासी दसोपुर थाना कोईरौना, मुकेश कुमार सोनी निवासी पूरे नान्हा शुक्ल थाना महेशगंज प्रतापगढ़ और रामबहादुर पाल निवासी डुबकीखुर्द जुड़ईपुर थाना हंडिया प्रयागराज को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से 30 करोड़ 10 लाख कीमत की अष्टधातु की तीन मूर्तियां, दो मुकुट, एक हार एक कुंडल और चोरी में इस्तेमाल की गई बोलेरो बरामद हुई।