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Friday, June 20, 2025

एचएमपी वायरस का खतरा: वाराणसी के अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट चलाने वाले टेक्नीशियन नहीं, चपरासियों के भरोसे प्लांट चल रहे!

वाराणसी, 18 जनवरी 2025, शनिवार। एचएमपी वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए शासन और प्रशासन ने अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट रहने के लिए कहा है। वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग ने भी नए वायरस से निपटने के लिए व्यवस्थाएं करने का दावा किया है, लेकिन पड़ताल में पता चला है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट चलाने के लिए टेक्नीशियन नहीं हैं और चपरासियों के भरोसे प्लांट चल रहे हैं। इसके अलावा, एक्सरे और अल्ट्रासाउंड जैसी सुविधाएं भी पूरी नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में नए वायरस से मुकाबला करना मुश्किल हो सकता है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या वाराणसी के अस्पताल एचएमपी वायरस से निपटने के लिए तैयार हैं? क्या उन्हें आवश्यक संसाधन और मानव संसाधन उपलब्ध हैं?
बता दें, एचएमपी वायरस के लक्षणों में सर्दी, खांसी, जुकाम, सांस लेने में परेशानी, गला खराब होना, कमजोरी और थकान शामिल हैं। यह वायरस हवा से फैलने वाला है और खांसने या छींकने से निकलने वाले ड्राप्लेट्स, स्पर्श करने, संक्रमित व्यक्ति के नजदीकी संपर्क, दुषित सतहों को छूने से फैलता है। इसलिए, एचएमपीवी से बचने के लिए समय समय पर हाथ धोते रहना, मास्क पहनना, भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचना और स्वस्थ आहार लेना आवश्यक है।
वाराणसी के अस्पतालों में एक्सरे सुविधा की कमी: मरीजों को भटकना पड़ रहा है!
वाराणसी के मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा में रेडियोलॉजिस्ट की कमी एक बड़ी समस्या है। यहां के मरीजों को एक्सरे कराने के लिए सोमवार, बुधवार और शुक्रवार का इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि यहां के एक्सरे कक्ष में कोई रेडियोलॉजिस्ट नहीं है और शास्त्री अस्पताल रामनगर से एक रेडियोलॉजिस्ट आते हैं। इसी तरह, शास्त्री अस्पताल में भी यही रेडियोलॉजिस्ट मंगलवार, गुरुवार, शनिवार को मरीजों का एक्सरे करते हैं। इससे मरीजों को बहुत परेशानी होती है और उन्हें अपने इलाज के लिए दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है। सारनाथ शहरी सीएचसी में तो एक्सरे रूम को स्टोर रुम में बदल दिया गया है और यहां कोई मशीनें भी नहीं हैं। जिला अस्पताल के एमसीएच विंग में भी एक्सरे कक्ष है, लेकिन यहां भी मशीन नहीं है, जिससे गर्भवती महिलाओं को जिला अस्पताल जाना पड़ता है। यह स्थिति वाराणसी के स्वास्थ्य व्यवस्था की कमियों को उजागर करती है।
वाराणसी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक्सरे और अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा नहीं: मरीजों को भटकना पड़ रहा है!
वाराणसी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक्सरे और अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा नहीं होना मरीजों के लिए बड़ी समस्या है। दुर्गाकुंड स्थित सीएचसी में एक्सरे और अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा नहीं है, जिससे गर्भवती महिलाओं, बच्चों सहित अन्य मरीजों को दूसरे सरकारी अस्पताल में भेजा जाता है। यह स्थिति तब है जब सीएचसी सीएमओ कार्यालय परिसर में है। इसी तरह, सीएचसी चोलापुर पर अल्ट्रासाउंड मशीन तो है, लेकिन जांच करने वाला कोई नहीं है। शहरी सीएचसी काशी विद्यापीठ में भी अल्ट्रासाउंड और एक्सरे नहीं हो रहा है। साथ ही, सीएचसी मिसिरपुर पर भी अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है। यह स्थिति वाराणसी के स्वास्थ्य व्यवस्था में गहरी कमियों का संकेत देती है जो मरीजों के लिए बड़ी चुनौती है।
वाराणसी के स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति चिंताजनक: चपरासियों और कर्मचारियों के भरोसे प्लांट चल रहे हैं!
वाराणसी के स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना काल में सीएसआर के तहत लगाए गए ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति चिंताजनक है। कई स्वास्थ्य केंद्रों पर इन प्लांटों के संचालन के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं है, जिससे चपरासियों और अन्य कर्मचारियों को इसकी देखभाल करनी पड़ रही है। सारनाथ शहरी सीएचसी में तो ऑक्सीजन प्लांट लगाया ही नहीं गया है, और आइसोलेशन वॉर्ड को स्टोर रूम में बदल दिया गया है। चोलापुर के स्वास्थ्य केंद्र पर ऑक्सीजन प्लांट बंद है, जबकि सीएचसी नरपतपुर में ऑक्सीजन प्लांट के लिए टेक्नीशियन की नियुक्ति नहीं हुई है। इन स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन प्लांट की देखभाल के लिए चौकीदारों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है, लेकिन यह स्थिति स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीर कमियों को उजागर करती है।
वाराणसी में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की कवायद: सीएमओ ने दी जानकारी!
वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग से सीएसआर के माध्यम से अल्ट्रासाउंड की सुविधा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा, उन स्थानों पर जहां ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए हैं, वहां कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर इन प्लांटों को संचालित किया जा रहा है। डॉ. चौधरी के अनुसार, इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं है।

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