वाराणसी, 17 जनवरी 2025, शुक्रवार। वाराणसी में महाकुंभ के पलट प्रवाह की शुरुआत हो चुकी है, और शहर में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा है। प्रयागराज से आए लाखों श्रद्धालुओं ने शहर को धार्मिक महासंगम में बदल दिया है। काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगाघाटों तक जाने वाली सड़कें दर्शनार्थियों से फुल हैं, और गोदौलिया से मैदागिन तक कतार है। चौक इलाके की गलियों में भीड़ अपार है, और पुलिस के लिए भीड़ संभालना एक बड़ी चुनौती बन गया है। श्रद्धालुओं की भीड़ की प्राथमिकता गंगा स्नान और बाबा विश्वनाथ का दर्शन है, और लगभग पांच से दस लाख श्रद्धालुओं के प्रयागराज से बनारस आने का अंदाजा लगाया जा रहा है।
बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए धाम में लगभग प्रतिदिन 3 लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, और यह आंकड़ा अब जल्द ही प्रतिदिन 10 लाख तक पहुंच जाएगा। शहर की सड़कें और गलियां श्रद्धालुओं से भरी हुई हैं, और वाराणसी की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को देखने के लिए लोगों का रेला उमड़ पड़ा है। महाकुंभ के इस पलट प्रवाह में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की है, और शहर को धार्मिक महासंगम में बदलने के लिए तैयार किया है।
बाबा विश्वनाथ के दर्शन का महामहोत्सव: शंखनाद के बीच खुले गर्भगृह के कपाट, हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा धाम!
काशी के महादेव बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह के कपाट शुक्रवार को भोर में खुल गए। मंदिर न्यास ने 2.45 बजे काशी पुराधिपति के गर्भगृह में दर्शन दिए। मंदिर के पुजारी श्रीकांत मिश्रा ने बाबा को शयन शैय्या से जगाया और मंगला आरती का शंख बजाया। प्रतिदिन की भांति पूरे विधान के साथ बाबा विश्वनाथ को पंच गव्य और शहद समेत षोडशोपचार करते हुए भव्य अभिषेक और श्रृंगार किया गया। शंख, घड़ियाल, घंटी और डमरू के बीच भव्य मंगला आरती की गई, भक्तों ने हर हर महादेव और माता पार्वती का जयघोष किया।
आरती के बाद बाबा का दर्शन आम लोगों के लिए शुरू किया गया। मंगला आरती में शामिल श्रद्धालुओं के पूजन के साथ ही परिसर हर हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा। धाम में लगभग 30-35 हजार लोग कतार में लगे हैं, वहीं गोदौलिया से चौक तक भारी भीड़ है। पूरा मंदिर परिसर हर-हर महादेव के जयघोष गूंज रहा। भीड़ के कारण स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी गई है जो 28 फरवरी तक जारी रहेगी। लेकिन इससे भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ है। वे बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए कतार में लगे हुए हैं और हर-हर महादेव का जयघोष कर रहे हैं।
महाकुंभ में काशी विश्वनाथ मंदिर की नई व्यवस्था: VIP प्रोटोकॉल पर भी रोक, श्रद्धालुओं को मिलेगी समानता!
महाकुंभ के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर में एक नई व्यवस्था लागू की गई है, जिसमें सोमवार, पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के दिन VIP प्रोटोकॉल पर भी रोक रहेगी। इसका मतलब है कि इन दिनों कोई भी विशिष्ट व्यक्ति या अधिकारी मंदिर में विशेष सुविधा का लाभ नहीं उठा पाएगा। महाकुंभ के अन्य दिनों में भी VIP प्रोटोकॉल के लिए कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। सुबह मंगला आरती की समाप्ति से लेकर दोपहर दो बजे तक किसी भी प्रकार का विशिष्ट अनुरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके बाद, दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक ही विशिष्ट अनुरोध स्वीकार किए जाएंगे।
लेकिन यहां एक महत्वपूर्ण बात यह है कि विशिष्ट अनुरोध के अंतर्गत भी स्पर्श दर्शन की व्यवस्था नहीं प्रदान की जाएगी। इसका मतलब है कि सभी श्रद्धालु, चाहे वे किसी भी वर्ग या पद से संबंधित हों, मंदिर में समान रूप से दर्शन कर पाएंगे। यह व्यवस्था महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को समानता और न्याय प्रदान करने के लिए की गई है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी श्रद्धालु मंदिर में समान रूप से दर्शन कर पाएंगे और किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा।
महाकुंभ में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम: वाराणसी में तैनात किए गए हजारों पुलिसकर्मी और सुरक्षा बल!
महाकुंभ में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए वाराणसी में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। वाराणसी जोन और रेंज से सुरक्षा बलों को बुलाया गया है, जिनमें आठ आईपीएस अफसर, 10 एएसपी, और 18 डीएसपी/एसीपी शामिल हैं¹। इसके अलावा, गाजीपुर, आजमगढ़, चंदौली, जौनपुर, मिर्जापुर, मऊ समेत अन्य जिलों के पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए हैं। सुरक्षा के लिए शहर में 55 जगह चिह्नित की गई हैं, और श्री काशी विश्वनाथ धाम परिक्षेत्र को 8 जोन में बांटा गया है। 13 सेक्टर और 32 सब सेक्टर में बांट कर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई है। यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 8 टैफिक इंस्पेक्टर, 24 टैफिक सब इंस्पेक्टर, 164 हेड कॉन्स्टेबल और 300 से ज्यादा होमगार्ड तैनात किए गए हैं। केंद्रीय सुरक्षा बल के अलावा, एसटीएफ, एटीएस, पीएसी, एनएसजी, डॉग स्क्वायड दस्तों को भी लगाया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि भीड़ को संभालने में कोई दिक्कत न हो, शहर में बैरियर लगाए गए हैं।