बिहार के किसानों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। बिहार के किसानों को आधुनिक और वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने के लिए नीतीश सरकार ने बड़ा एलान किया है। नीतीश सरकार के इस एलान से किसानों की पुरानी परेशानी दूर हो जाएगी और कम मेहनत में अधिक काम हो जाएगा।
दरअसल, नीतीश सरकार खेती-किसानी के उद्देश्य से खरीदे जाने वाले ड्रोन पर 60 प्रतिशत राशि या अधिकतम 3.65 लाख रुपये तक का अनुदान दे रही है। चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) में राज्य के सभी 101 अनुमंडलों में एक-एक कृषि ड्रोन की खरीद का लक्ष्य है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत इसका निर्णय लिया गया है। इस योजना के अंतर्गत निर्धारित छिड़काव शुल्क का 50 प्रतिशत अथवा प्रति ड्रोन अधिकतम 240 एकड़ छिड़काव पर सहायता अनुदान भी दिया जाना है।
कृषि कार्य में ड्रोन की उपयोगिता से संबंधित प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए मंगलवार को कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने इसकी जानकारी दी। कृषि भवन परिसर में आयोजित प्रदर्शनी में छह जिला (पटना, सिवान, सारण, भोजपुर, वैशाली, नालंदा) के किसानों व पटना जिला की जीविका दीदियों आदि ने भाग लिया।
केंद्र सरकार ने 1261 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी
मंगल पांडेय ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा नमो ड्रोन दीदी योजना के अंतर्गत जीविका समूहों के बीच 201 ड्रोन वितरण की योजना है। इसके लिए केंद्र सरकार ने 1261 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि उचित मात्रा में कीटनाशकों के छिड़काव में ड्रोन के उपयोग की असीम संभावना है।
ड्रोन तकनीक पारंपरिक खेती के तरीकों को बदलकर किसानों को निरंतर स्मार्ट खेती की ओर ले जा रही है। नवीनतम तकनीक से मिट्टी और कृषि योग्य भूमि का विश्लेषण किया जा सकता है। निरंतर फसलों की निगरानी की जा सकती है। ड्रोन के जरिए किसान व श्रमिक को कम परिश्रम करना होगा। डाटा एकत्र करने और कृषि उत्पादों के प्रयोग में ड्रोन की सहायता से नए सेवा मॉडल विकसित किए जा सकते हैं। ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण प्राप्त कर अब महिलाएं भी अपना योगदान दे रही हैं। सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।