वाराणसी, 11 जनवरी 2025, शनिवार। बनारस की सड़कों पर एक अनोखा अभियान चल रहा था। सयुस के प्रदेश महासचिव व सपा नेता किशन दीक्षित ने चाइनीज मांझा के खिलाफ जागरूकता अभियान शुरू किया था, जिसका मकसद लोगों को इस खतरनाक मांझे के प्रति जागरूक करना था। इस अभियान के तहत, एक 21 फीट का चाइनीज राक्षस का पुतला बनाया गया था, जिसे बनारस की सड़कों पर निकालकर लोगों को जागरूक किया जाना था। लेकिन पुलिस ने इस पुतले को निकालने नहीं दिया।
शनिवार को, भैंसासुर राजघाट से जनजागरूकता अभियान निकलने से पहले ही एसीपी कोतवाली प्रज्ञा पाठक और आयोजकों के बीच तीखी बहस हुई। किशन दीक्षित ने कहा कि चाइनीज मांझा से हर रोज लोग घायल हो रहे हैं और मौतें हो रही हैं। हम लोग जनजागरूकता अभियान चला रहे हैं, लेकिन पुलिस रोक रही है। इस दौरान, तनावपूर्ण माहौल बना रहा। आदमपुर, कोतवाली सहित कई थानों की फोर्स के अलावा पीएसी के जवान मुस्तैदी के साथ डटे रहे और पुतला नहीं निकालने दिया।
लोहिया वाहिनी के महानगर अध्यक्ष संदीप मिश्र एवं पूर्व पार्षद मनोज यादव ने महत्वपूर्ण सवाल उठाते हुए कहा है कि प्रशासन प्रतिबंधित मांझे पर रोक नहीं लगा पा रहा है, जबकि उनके संगठन द्वारा जनजागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। यह सवाल उठता है कि प्रशासन के नाक के नीचे आखिर कैसे चाइनीज मांझा बिक रहा है? यह एक गंभीर मुद्दा है जो हमारे प्रशासन की क्षमता और उनके द्वारा निर्धारित नियमों के पालन पर सवाल उठाता है।
किशन दीक्षित ने कहा कि यह घटना एक बड़े सवाल को उठाती है: क्या हमारी पुलिस वास्तव में हमारी सुरक्षा के लिए काम कर रही है या फिर वह केवल राजनीतिक दबाव में काम करती है? यह सवाल हमें सोचने पर मजबूर करता है कि हमारी सुरक्षा के लिए कौन जिम्मेदार है और कैसे हम अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।