नई दिल्ली, 7 जनवरी 2025, मंगलवार। दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक बड़ा मोड़ आया है, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का ऐलान किया है। यह फैसला कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि दिल्ली में कांग्रेस के पास मजबूत संगठन नहीं है। अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि समाजवादी पार्टी दिल्ली चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी, लेकिन आम आदमी पार्टी को समर्थन देगी। उन्होंने कहा कि जो बीजेपी को हराएगा, मजबूती से हम उसका साथ देंगे।
यह फैसला दिल्ली की राजनीति में एक नए मोड़ की ओर इशारा करता है, जहां आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच एक नई साझेदारी की शुरुआत हो सकती है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी को इंडिया गठबंधन के तहत सीट नहीं दी थी। अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच की साझेदारी का क्या परिणाम होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। क्या यह साझेदारी बीजेपी को हराने में सफल होगी? यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव का बड़ा दांव: AAP को समर्थन, कांग्रेस को झटका
दिल्ली विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के आम आदमी पार्टी को समर्थन देने के फैसले ने कांग्रेस खेमे में खलबली मचा दी है। यह फैसला महाराष्ट्र चुनाव के बाद से कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगियों के बीच बढ़ती दूरी को दर्शाता है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने यह संदेश दिया है कि 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को अगर गठबंधन करना है तो उसे छोटे भाई की भूमिका में ही रहना होगा। यह फैसला कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि दिल्ली में कांग्रेस के पास मजबूत संगठन नहीं है।
इंडियन गठबंधन की अहम सहयोगी समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। यह फैसला दिल्ली की राजनीति में एक नए मोड़ की ओर इशारा करता है, जहां आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच एक नई साझेदारी की शुरुआत हो सकती है।।इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की जगह आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का फैसला किया है। यह फैसला दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक नए दौर की शुरुआत कर सकता है। इस पूरे मामले में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस कैसे प्रतिक्रिया करती है और आगे की रणनीति क्या होगी। एक बात तो तय है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में यह फैसला एक नए दौर की शुरुआत कर सकता है।