Kisan Andolan: हाल ही में संसद द्वारा पास कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। वे तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इसको लकेर वे दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। वे राष्ट्रीय राजधानी में आकर प्रदर्शन की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें फिलहाल इसकी इजाजत नहीं दी गई है। दिल्ली आने वाले अधिकांश रास्तों को सील कर दिया गया है। वहीं, आज चौथे दौर की वार्ती से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मुलाकात करेंगे।
> किसान मजदूर संघर्ष समिति के एसएस सुभरण ने कहा, ‘केंद्र किसानों को बांटने की कोशिश कर रहा है। जब तक पीएम मोदी सभी 507 किसान यूनियनों के नेताओं के साथ बैठक नहीं करेंगे सरकार द्वारा बुलाई गई किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे।’
>> कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। किसानों को आज केंद्र सरकार के साथ होने वाली बैठक से काफी उम्मीदें हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि फैसला हमारे हक में जाएगा। इतनी संख्या में किसान पंजाब, हरियाणा, यूपी से यहां पहुंच रहे हैं।”
>> गुजरात से आया किसानों का एक समूह कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम टीवी पर देख रहे थे कि ये आंदोलन हरियाणा और पंजाब का है, लेकिन ये आंदोलन पूरे हिन्दुस्तान के किसानों के लिए चल रहा है। हम इस आंदोलन का समर्थन करने आए हैं।”
>> पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह चंडीगढ़ से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। आज वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे।
अमित शाह के घर हुई लंबी बैठक
कृषि कानूनों पर गुरुवार को होने वाली चर्चा को लेकर किसान संगठनों व केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के बीच बैठकों का दौर चलता रहा है। गृह मंत्री अमित शाह के घर पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व रेल मंत्री पीयूष गोयल पहुंचे। वहीं, दिल्ली बार्डर की सड़कों पर बैठे किसान संगठनों के प्रतिनिधि कल की बैठक को लेकर रणनीति तैयार कर रहे थे। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल बुधवार दोपहर गृह मंत्री अमित शाह के घर पर बैठक के लिए गए। बतातें हैं दोनों केंद्रीय मंत्रियो ने नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनरत किसानों की मांग व विरोध के बारे अमित शाह को बताया।
विशेष सत्र बुलाने की मांग
प्रदर्शनकारी किसानों ने बुधवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केंद्र सरकार को संसद का विशेष सत्र आहूत करना चाहिए और अगर मांगें नहीं मानी गयीं तो राष्ट्रीय राजधानी की और सड़कों को अवरुद्ध किया जाएगा। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता दर्शन पाल ने आरोप लगाया कि केंद्र किसान संगठनों में फूट डालने का काम कर रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे ।