चंदौली, 5 जनवरी 2025, रविवार। छत्तीसगढ़ के बिजपुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या ने पूरे देश में पत्रकारों के बीच गहरा आक्रोश फैला दिया है। मुकेश चंद्राकर ने सड़क निर्माण में घोटाले की खबर उजागर की थी, जिसके बाद वे लापता हो गए और उनका शव ठेकेदार के सेफ्टी टैंक से बरामद हुआ। परिजनों की शिकायत पर ठेकेदार और उसके भाइयों पर हत्या का आरोप लगाया गया है।
इस घटना के बाद देशभर के पत्रकारों ने श्रद्धांजलि सभाओं और कैंडल मार्च का आयोजन किया, जिसमें दोषियों को फंसी देने और पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की गई। पत्रकारों ने सरकार से मांग की कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाया जाए और दोषियों को जल्द से जल्द कठोर सजा दी जाए।
वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा कि पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर सच्चाई उजागर करते हैं, लेकिन जब उन्हें ही सुरक्षा नहीं मिलती, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरे की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि मुकेश चंद्राकर की हत्या कोई पहली घटना नहीं है, ऐसे मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
पत्रकारों ने एक स्वर में सरकार से पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पत्रकारों पर हमले और हत्याएं न केवल उनकी आजादी पर हमला है, बल्कि यह जनता के अधिकारों का भी हनन है। इस घटना ने पूरे पत्रकारिता जगत को झकझोर दिया है, और सभी की मांग है कि मुकेश चंद्राकर को न्याय मिले और दोषियों को ऐसी सजा दी जाए, जो पत्रकारों की सुरक्षा के लिए मिसाल बने।