नई दिल्ली, 1 जनवरी 2025, बुधवार। अमेरिका में 2024 के राष्ट्रपति चुनावों में रूस और ईरान की संस्थाओं के हस्तक्षेप के आरोपों के बीच, यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेजरी ने इन देशों की कुछ संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। आरोप है कि इन संस्थाओं ने चुनावों के दौरान गलत जानकारी फैलाने के लिए आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल किया।
विशेष रूप से, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की एक सहायक कंपनी और रूस की सैन्य खुफिया एजेंसी के एक सहयोगी पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। अमेरिकी ट्रेजरी का आरोप है कि इन संस्थाओं ने चुनावों के दौरान सामाजिक-राजनीतिक तनाव को बढ़ाने और अमेरिकी मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास किया।
रूसी संस्था पर आरोप है कि उन्होंने नकली समाचार वेबसाइटों के माध्यम से गलत सूचना फैलाने के लिए एआई टूल्स का इस्तेमाल किया। इसके अलावा, उन्होंने उपराष्ट्रपति पद के एक उम्मीदवार पर निराधार आरोप लगाए। ये आरोप गंभीर हैं और अमेरिकी चुनाव प्रक्रिया की अखंडता को खतरे में डालते हैं।
अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने ईरान और रूस पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अमेरिकी चुनाव प्रक्रियाओं और संस्थानों को निशाना बनाया है। ट्रेजरी के कार्यवाहक अवर सचिव ब्रैडली स्मिथ ने कहा है कि ईरान और रूस की सरकारों ने गलत सूचनाएं फैलाकर अमेरिका के लोगों को बांटने की कोशिश की है।
अमेरिका ने अलेक्जेंडर डुगिन की ओर से फंडिंग किए जाने वाले रूसी समूह सेंटर फॉर जियोपॉलिटिकल एक्सपर्टिस पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। यह रूस की खुफिया सैन्य सेवा के साथ काम करती है और आरोप है कि रूस की खुफिया सैन्य सेवा ने राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए सेंटर फॉर जियोपॉलिटिकल एक्सपर्टिस को निर्देश और वित्तीय सहायता दी थी।
इसके अलावा, ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की सहायक कंपनी काग्निटिव डिजाइन प्रोडक्शन सेंटर पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। अमेरिका ने कहा है कि वह उन विरोधियों के खिलाफ सतर्क रहेगा जो अमेरिकी लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश करेंगे।