वाराणसी, 31 दिसंबर 2024, मंगलवार। महाकुंभ आयोजन को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। समाजवादी पार्टी ने प्रदेश सरकार पर अनावश्यक पैसे खर्च और प्रचार प्रसार का आरोप लगाया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने सपा पर पलटवार किया है। इसी बीच अखिल भारतीय संत समिति ने भी भाजपा का समर्थन किया है। संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को महाकुंभ आयोजन के निमंत्रण को लेकर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के कार्यकाल में सरकारी धन की मदद से रोजा इफ्तार के लिए ही निमंत्रण देने की परंपरा रही है, लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सनातन धर्म में आस्था रखने वाले लोगों को आग्रह पूर्वक निमंत्रण भेजने की परंपरा शुरू की है। स्वामी जीतेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि यह परिवर्तन सनातन धर्म के प्रति सरकार की आस्था और समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि संत समिति इस परिवर्तन का स्वागत करती है और महाकुंभ आयोजन के लिए सरकार को शुभकामनाएं देती है।
महाकुंभ आयोजन पर अखिलेश यादव का बड़ा बयान: “कुंभ में निमंत्रण नहीं दिया जाता, लोग खुद आते हैं”
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने महाकुंभ को लेकर दिए जा रहे निमंत्रण पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कुंभ में निमंत्रण नहीं दिया जाता है, लोग अपने आप आस्था से आते हैं। अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि उनके धर्म में सीखा और पढ़ा है कि ऐसे आयोजनों में लोग खुद आते हैं। उन्होंने सवाल किया कि करोड़ों लोगों को क्या निमंत्रण दिया जाता है? अखिलेश यादव ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह सरकार अलग है।