लखनऊ, 30 दिसंबर 2024, सोमवार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडेक्ट (ओडीओपी) योजना का असर लगातार दिख रहा है, जिससे अन्नदाता किसानों को लाभ पहुंच रहा है। बहराइच की हल्दी की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है, जिसकी वजह से इसकी डिमांड भी काफी रहती है। इसी वजह से योगगुरु स्वामी रामदेव ने बहराइच की हल्दी खरीदने के लिए आगे आने का फैसला किया है। योगगुरु की कंपनी और बहराइच के तीन एफपीओ के बीच एमओयू साइन किया गया है, जिसके तहत हल्दी की खरीदारी की जाएगी। इस हल्दी का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में किया जाएगा। यह एक अच्छी खबर है कि ओडीओपी योजना के तहत किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल रहा है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। इस योजना के तहत बहराइच के किसानों को उनकी हल्दी की फसल का सही मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। साथ ही, यह योजना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगी।
बहराइच की हल्दी को मिला नया आयाम: योगगुरु रामदेव की कंपनी ने किया एमओयू पर हस्ताक्षर!
बहराइच की जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप जिले के उत्पादों को विश्वस्तर पर पहचान दिलाने और अन्नदाता किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं। इसके तहत बहराइच में 86 कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) गठित किये गये हैं। इन एफपीओ के माध्यम से किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए योगगुरु स्वामी रामदेव की कंपनी के साथ एमओयू साइन किया गया है। यह एमओयू बहराइच की तीन एफपीओ ने साइन किया है, जिसमें प्रत्युष बायोएनर्जी फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, वीरांगना लक्ष्मीबाई महिला किसान निर्माता कंपनी लिमिटेड और सीएससी राज किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड शामिल हैं। इस एमओयू के तहत योगगुरु स्वामी रामदेव की कंपनी बहराइच के किसानों से हल्दी खरीदेगी, जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलेगा। इस एमओयू पर हस्ताक्षर करने के दौरान योगगुरु स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, बहराइच जिलाधिकारी मोनिका रानी, उप कृषि निदेशक टीपी शाही और सीएससी राज किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड मिहिंपुरवा के निदेशक अखिलेश सिंह मौजूद रहे। यह एक अच्छी खबर है कि ओडीओपी योजना के तहत किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल रहा है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
बहराइच के किसानों को मिला सही दाम, हल्दी की खेती में नए आयाम!
बहराइच का मिहिंपुरवा क्षेत्र कृषि के लिए काफी उपयुक्त है, क्योंकि यहां प्राकृतिक संसाधनों, उपजाऊ भूमि और अनुकूल जलवायु की अधिकता है। यही वजह है कि यहां हल्दी, जिमीकन्द और हरी सब्जियों की काफी अधिक मात्रा में खेती की जाती है। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि इन उत्पादों को कई राज्यों के साथ ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी भेजा जाता है। लेकिन अन्नदाताओं को उनके उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल पाता था। इस समस्या का समाधान करने के लिए, स्वामी रामदेव की कंपनी के साथ लगभग 2000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 45-50 हजार टन हल्दी के विक्रय/विपणन के लिए एक समझौता किया गया है।
उप कृषि निदेशक टीपी शाही ने बताया कि एफपीओ के 1,880 पुरुष किसान तथा 975 महिला किसान हल्दी उत्पादन से जुड़े हैं। इसके अलावा, 150 हेक्टेयर में जिमीकन्द की खेती की जा रही है, जिसमें 30-35 टन प्रति हेक्टेयर में कुल 5,250 टन जिमीकन्द का उत्पादन हो रहा है। स्थानीय और राष्ट्रीय बाजारों में इसकी मांग अधिक है। इसके साथ ही, लगभग 600 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में हरी सब्जियों की भी खेती हो रही है। यह एक अच्छी खबर है कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल रहा है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।