जम्मू, 29 दिसंबर 2024, रविवार। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट में एक दिलचस्प मामला सामने आया, जिसमें एक मुस्लिम महिला वकील ने अदालत में हिजाब पहनकर पेश होकर सुर्खियां बटोरीं। यह मामला 27 नवंबर का है, जब महिला वकील सैयद एनान कादरी जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट में एक घरेलू हिंसा से जुड़े मामले में पिटीशनर का पक्ष रखने आईं। वह अदालत में वकील की ड्रेस में थीं, लेकिन उनका चेहरा पूरी तरह से हिजाब से ढका हुआ था।
जब न्यायमूर्ति राहुल भारती ने उनसे हिजाब हटाने के लिए कहा, तो महिला वकील ने इसे अपने मौलिक अधिकार के रूप में पेश किया और साफ कहा कि अदालत उन्हें अपना चेहरा दिखाने के लिए मजबूर नहीं कर सकती। न्यायमूर्ति राहुल भारती ने महिला वकील के इस आचरण पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस स्थिति में यह स्पष्ट नहीं हो सकता था कि वह महिला कौन हैं और क्या उनकी पहचान है।
इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई करने से मना कर दिया और मामले को स्थगित करते हुए रजिस्ट्रार जनरल से यह रिपोर्ट मांगी कि क्या भारतीय बार काउंसिल के नियमों में ऐसा कोई प्रावधान है, जिससे किसी महिला वकील को अपना चेहरा ढककर कोर्ट में पेश होने का अधिकार प्राप्त हो।
भारतीय बार काउंसिल के नियमों के अनुसार, कोई भी वकील अदालत में सिर्फ एक निर्धारित ड्रेस में ही पेश हो सकता है। इसका मतलब यह है कि महिला वकील भी किसी विशेष ड्रेस कोड का पालन करते हुए ही अदालत में प्रस्तुत हो सकती हैं, और किसी भी हालत में चेहरा ढककर नहीं। अदालत ने यह भी बताया कि अगर किसी महिला वकील का चेहरा ढका हुआ है, तो यह उसकी पहचान स्पष्ट करने में समस्या पैदा करता है और ऐसे में उसकी पहचान सुनिश्चित नहीं की जा सकती।