नई दिल्ली, 28 दिसंबर 2024, शनिवार। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। पूरे राजकीय सम्मान और सिख परंपरा के साथ उनका दिल्ली के निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की बड़ी बेटी ने पिता को मुखाग्नि दी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार से पहले तीनों सेनाओं ने उन्हें सलामी दी। इससे पहले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय से निगम बोध घाट लाया गया। उनकी अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग शामिल हुए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी समेत तमाम राजनीतिक दिग्गज पूर्व पीएम की अंत्येष्टि में शामिल हुए।
अंतिम संस्कार के दौरान मनमोहन सिंह अमर रहें और जब तक सूरज चांद रहेगा मनमोहन आपका नाम रहेगा के नारे खूब गूंजे। अंत्येष्टि में कई विदेशी नेता भी शामिल हुए। अंतिम संस्कार के दौरान भी मनमोहन सिंह को उनकी पसंदीदा नीली पगड़ी पगड़ी पहनाई गई। उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी को याद रखने के लिए उसके एक रंग को अपनी पगड़ी का सिग्नेचर कलर बना लिया था। बता दें, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया था। वे 92 साल के थे। वे लंबे समय से बीमार थे। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें रात 8:06 बजे दिल्ली AIIMS लाया गया था। हॉस्पिटल बुलेटिन के मुताबिक, रात 9:51 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली।
गौरतलब है कि, वर्ष 1991 के मध्यावधि चुनाव के बाद वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने 5389 करोड़ रुपये का घाटे का संतुलित बजट पेश किया था। अटल बिहारी वाजपेयी और भाजपा ने इस बजट का समर्थन किया था। जबकि, भाजपा को छोड़ सभी दलों ने इस बजट को खराब बताया था।
मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार पर विवाद: विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरा
मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजघाट पर न कराने पर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत कई विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाए और केंद्र सरकार को घेरा। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि सरकार को संवेदनशील होना चाहिए था और उनके स्मारक के लिए जगह आवंटित करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी के निधन पर भी एक जगह आवंटित की गई थी, इसलिए सरकार को यहां भी ऐसा ही करना चाहिए था। आम आदमी पार्टी ने भी मनमोहन सिंह का अंतिम सरकार निगम बोध घाट पर होने को लेकर एतराज जताया। पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा कि अंतिम संस्कार राजघाट पर होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि ये सिख समाज का अपमान है। वहीं, कांग्रेस ने पूर्व पीएम के अंतिम संस्कार के लिए केंद्र से दिल्ली में यमुना किनारे जगह देने का आग्रह किया था, जहां देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों के स्मृति स्थल हैं। कांग्रेस की मांग थी कि वहीं मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार किया जाए और स्मृति स्थल भी बने। लेकिन केंद्र ने कहा कि इसके लिए वक्त लगता है, इसलिए निगम बोध घाट पर ही अंत्येष्टि हो।