उज्जैन, 27 दिसंबर 2024, शुक्रवार। दिसंबर के आखिरी दिनों और जनवरी के पहले सप्ताह में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं। इन दिनों में 10 से 15 लाख दर्शनार्थियों के आने की उम्मीद है, इसलिए समिति ने दर्शन की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए कुछ निर्देश जारी किए हैं।
महत्वपूर्ण जानकारी:
31 दिसंबर और 1 जनवरी को ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग के माध्यम से भस्मआरती पूरी तरह से बंद रहेगी। इसके बजाय चलित भस्मआरती का विकल्प उपलब्ध होगा।
सुबह 4:15 बजे से श्रद्धालु कार्तिकेय मंडपम् से आरती का लाभ ले सकेंगे।
समिति का दावा है कि 40 से 45 मिनट में दर्शन हो जाएंगे।
25 दिसंबर से 5 जनवरी तक श्री कालभैरव मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश पूर्ण रूप से बंद रहेगा।
मंदिरों में ड्यूटीरत कर्मियों को बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के साथ अच्छा व्यवहार करने की सीख दी गई है।
कलेक्टर ने 29 दिसंबर से 5 जनवरी तक श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिफ्टवार ड्यूटी लगाई जाने के निर्देश दिए हैं।
महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए विशेष व्यवस्थाएं
महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। यहाँ दर्शन के लिए सामान्य दर्शनार्थियों और वीआईपी के लिए अलग-अलग मार्ग और निर्गम द्वार होंगे।
सामान्य दर्शनार्थियों के लिए:
प्रवेश: चारधाम मंदिर पार्किंग से प्रवेश द्वार संग्रहालय के समीप से नंदी द्वार भवन, फेसेलिटी सेंटर 1 टनल, शक्ति पथ, त्रिवेणी, श्री महाकाल, मानसरोवर, नवीन टनल 1, गणेश मंडपम् से श्री महाकालेश्वर के दर्शन करेंगे।
निर्गम: दर्शन के बाद आपातकालीन निर्गम द्वार से दर्शनार्थी बाहर जाने के लिए बड़ा गणेश मंदिर के समीप हरसिद्धि मंदिर तिराहा पुनः चारधाम मंदिर पर पहुंचकर अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करेंगे।
वीआईपी के लिए:
प्रवेश: नीलकंठ द्वार से त्रिनेत्र यानी महाकाल लोक कंट्रोल रूम के सामने से होकर शंख द्वार, कोटितीर्थ कुंड के सामने से सभा मंडपम् से मंदिर में प्रवेश करेंगे।
निर्गम: दर्शन के बाद सभा मंडपम् से कोटितीर्थ कुंड, शंख द्वार से त्रिनेत्र होकर नीलकंठ द्वार से मंदिर के बाहर जाएंगे।