महाकुम्भ नगर , संगम के तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ 2025 के औपचारिक रूप से शुरु होने में अभी एक पखवाड़ा है लेकिन व्यापारियों और कारोबारियों के चेहरे अभी से खिलने लगे हैं।
इसका कारण है कि दिव्य और भव्य महाकुम्भ के लोगो और प्रतीक वाले उत्पादों की बाज़ार में बिक्री बढ़ गई है। नए साल के आगमन पर दिए जाने वाले उपहार और तोहफों की बिक्री पर सकारात्मक असर दिखने लगा है।
कंफेडरेशन ऑफ ऑल ट्रेडर्स के यूपी के अध्यक्ष महेंद्र गोयल का कहना है कि जिस तरह अयोध्या में राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के समय राम मंदिर और सनातन से जुड़े प्रतीकों वाले उत्पादों की बाज़ार में मांग की बाढ़ सी आ गई थी उसी तरह प्रयागराज महाकुम्भ से जुड़े उत्पादों की बिक्री में 20 से 25 फीसदी की उछाल आ गई है। उन्होंने कहा कि जैसे जैसे श्रद्धालुओं का आगमन बढ़ेगा वैसे वैसे व्यापार में भी वृद्धि होगी।
नए साल में तोहफे और उपहार देने का चलन देखते हुए तमाम स्थानीय व्यापारियों ने नए साल की डायरी, फाइल बॉक्स, कैलेंडर , पेन , पेन स्टैंड, की रिंग जैसे उत्पाद महाकुम्भ के लोगो और प्रतीकों को जोड़ कर बाजार में उतार दिए हैं। एक स्थानीय स्टेशनरी प्रोपराइटर शिवम् अग्रवाल बताते हैं कि उनके यहां प्रयागराज के बाहर के कई शहरों से महाकुम्भ के प्रतीकों वाले उत्पाद की इतनी मांग आ रही है कि वह आर्डर पूरे नहीं कर पा रहे हैं।
इसी तरह जूट और कॉटन के बैग्स के थोक विक्रेता जीरो रोड के शिवा इंटरनेशनल के प्रोपराइटर गोपाल पांडे का कहना है कि महाकुम्भ के आयोजन में जिस प्रकार से योगी सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त महाकुम्भ को अपना एजेंडा बनाया है, उससे जूट और कॉटन के बैग्स की मांग बहुत बढ़ गई। इन बैग्स में भी वह दिव्य और भव्य महाकुम्भ के प्रतीक को प्रिंट कर रहे हैं जिनकी महाकुम्भ क्षेत्र के अंदर और बाहर से अच्छी मांग आ रही है।