वाराणसी, 23 दिसंबर 2024, सोमवार। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में सुरक्षा को लेकर एक आरटीआई दायर की गई थी, जिसका जवाब अब सामने आया है। वाराणसी की एक महिला ने 12 नवंबर को आरटीआई के तहत बीएचयू कैंपस, अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर में चोरी, छिनैती और छेड़खानी की घटनाओं से जुड़ी जानकारी मांगी थी। विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर ऑफिस की ओर से 16 दिसंबर को दी गई जानकारी के अनुसार, अक्तूबर 2023 से नवंबर 2024 तक बीएचयू परिसर में 291 चोरी की घटनाएं हुई हैं। इनमें सबसे अधिक दिसंबर 2023 में 35 और पिछले महीने नवंबर में 23 घटनाएं शामिल हैं। यह जानकारी यह दर्शाती है कि बीएचयू परिसर में सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन को इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
बीएचयू में सुरक्षा का बड़ा सवाल: 10 करोड़ की सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद चोरियां और छिनैती क्यों?
छात्रों ने बीएचयू परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने पूछा है कि आखिर बीएचयू परिसर में चौकस सुरक्षा व्यवस्था रहे, इसके लिए सालाना करीब 10 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। इसके अलावा, परिसर में 700 से अधिक सुरक्षाकर्मी हैं, अस्पताल की सुरक्षा में करीब 50 से अधिक बाउंसर भी नजर आते हैं। इसके अलावा, जगह-जगह सीसी कैमरे लगाए जाने और गाड़ियों से पेट्रोलिंग कराने का दावा भी किया जा रहा है। लेकिन इसके बाद भी न तो चोरियां रुक रही हैं और न ही छिनैती की घटनाओं पर अंकुश लग पा रहा है। यह सवाल खड़ा करता है कि आखिर इतनी बड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद परिसर में अपराध क्यों बढ़ रहे हैं। छात्रों ने यह भी पूछा है कि क्या सुरक्षा व्यवस्था में कोई कमी है या फिर सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही के कारण अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देना चाहिए और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए।
बीएचयू में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए चीफ प्राक्टर का बड़ा कदम: सीसीटीवी कैमरे और पेट्रोलिंग गाड़ी से बढ़ेगी चौकसी!
चीफ प्राक्टर ने बताया कि बीएचयू परिसर में होने वाली चोरियों और छिनैती की घटनाओं की समीक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि जिन स्थलों पर ज्यादा घटनाएं हुई हैं, उन मार्गों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। इसके अलावा, पूरे कैंपस में पेट्रोलिंग गाड़ी हमेशा घूमती रहती है, जिससे किसी भी अनहोनी की स्थिति में तत्काल कार्रवाई की जा सके। चीफ प्राक्टर ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन पुलिस की भी मदद ले रहा है, जिससे किसी भी घटना की सूचना तत्काल दी जा सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विभिन्न चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे कैंपस में होने वाली घटनाओं पर लगाम लगाया जा सके। इसके अलावा, कुछ जगहों पर और सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिससे कैंपस में सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत की जा सके।