मेरठ, 22 दिसंबर 2024, रविवार। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेई ने हाल ही में संसद में हुए हंगामे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि संसद में जनप्रतिनिधियों का आचरण समस्याजनक रहा, जो कि जनता के करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद भी ठीक नहीं है।
वाजपेई ने यह भी कहा कि विपक्ष का विरोध करना उनका अधिकार है, लेकिन इसका तरीका ऐसा होना चाहिए कि मुद्दों पर चर्चा बाधित न हो। उन्होंने सुझाव दिया कि विपक्ष 5-10 मिनट के हंगामे के बाद बहिर्गमन कर सकता है, ताकि संसद में जनता से जुड़े विषयों पर सार्थक चर्चा हो सके।
इसके अलावा, वाजपेई ने जया बच्चन के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आदरणीय बहन ने जीवनभर फिल्में बनाई हैं, इसलिए उन्हें वैसा ही आभास होता है। उन्होंने यह भी कहा कि मस्जिद के नीचे मंदिर ढूंढने की प्रवृत्ति ठीक नहीं है और देश को अब विकास की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
वाजपेई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के 2047 के लक्ष्य का समर्थन करते हुए कहा कि भगवान सभी के दिल में बसते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी स्थान पर मंदिर पाया जाता है, तो वहां स्थानीय लोग और समाज के लोग ही पूजा-अर्चना करें। उन्होंने कहा कि धार्मिक विवादों की बजाय विकास पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।