नई दिल्ली, 22 दिसंबर 2024, रविवार। पाकिस्तान को चार बार हराने वाला भारत अब फिर से तैयार है! पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ते सैन्य संबंधों ने भारत के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने बांग्लादेश के सैन्य प्रशिक्षण संस्थानों का दौरा करने का प्रस्ताव भेजा है, जिसे बांग्लादेश ने स्वीकार कर लिया है। बता दें, भारत ने पाकिस्तान को चार बार हराया है, और अब फिर से पाकिस्तान की नई दोस्ती बांग्लादेश के साथ भारत के लिए खतरा बन गई है। भारत की सेना इस खतरे का सामना करने के लिए तैयार है, और वह अपनी सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार है। गौरतलब है कि, भारत की सेना ने 1971 में बांग्लादेश युद्ध के दौरान पाकिस्तान की सेना को बांग्लादेश से बाहर कर दिया गया था, और अब 53 साल बाद पाकिस्तान सेना के उच्च अधिकारी बांग्लादेश जाने की योजना बना रहे हैं। यह परिवर्तन भारत के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है, लेकिन भारत की सेना इस खतरे का सामना करने के लिए तैयार है।
बंगाल की खाड़ी में पाकिस्तान और बांग्लादेश की संयुक्त नौसैनिक अभ्यास: भारत के लिए नई चुनौती!
बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच सैन्य संबंधों का विस्तार केवल भूमि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अब समुद्र में भी फैल रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश पाकिस्तानी नौसेना के साथ बंगाल की खाड़ी में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास करने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही, बांग्लादेश 2025 में कराची में होने वाले एएमएएन 2025 नामक बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास में भी हिस्सा लेगा। यह अभ्यास पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश के बढ़ते सैन्य संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत के लिए यह एक नई चुनौती बन सकती है, क्योंकि पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच बढ़ते सैन्य संबंधों से भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता पर खतरा हो सकता है। भारत को इस परिवर्तन पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है और अपनी सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद पाकिस्तान के साथ संबंधों में बड़ा बदलाव: वीजा नीति में ढील और सीधी उड़ानें शुरू!
पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जो बांग्लादेश के अस्थायी प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस के सत्ता में आने के बाद हुआ है। इससे पहले, 2022 में बांग्लादेश ने पाकिस्तानी युद्धपोत पीएनएस तैमूर को अपने बंदरगाह चिटगांव में प्रवेश की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन अब बांग्लादेश ने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के संकेत दिए हैं। मोहम्मद यूनुस के शासन में बांग्लादेश ने पाकिस्तान के लिए वीजा नीति में ढील दी है और पाकिस्तान से सीधी उड़ानें फिर से शुरू की हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान के सामान को चिटगांव बंदरगाह पर बिना जांच के आने की अनुमति दी जा रही है। ये सब पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश के बढ़ते संबंधों को दर्शाता है। इस बदलाव के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि बांग्लादेश पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रयासरत है। यह बदलाव दोनों देशों के बीच आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को मजबूत करने में मदद कर सकता है।
बांग्लादेश और पाकिस्तान के बढ़ते रिश्ते भारत के लिए खतरे की घंटी! पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की गतिविधियाँ भारत के लिए सुरक्षा संबंधी खतरों को बढ़ा सकती हैं!
बांग्लादेश और पाकिस्तान के बढ़ते रिश्ते भारत के लिए गंभीर चुनौती हो सकते हैं। पाकिस्तान के सैन्य संस्थान और राजनयिक लगातार बांग्लादेश के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, जो भारत के लिए चिंता का कारण बन सकता है। भारत के रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल अशोक कुमार (सेवानिवृत्त) के अनुसार, बांग्लादेश में पाकिस्तान की बढ़ती गतिविधियाँ भारत के खिलाफ हो सकती हैं। यह गतिविधियाँ खुलकर होने की संभावना है, जो भारत के लिए सुरक्षा संबंधी खतरों को बढ़ा सकती हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पहले भी बांग्लादेश में छिपकर गतिविधियाँ करती थी, लेकिन अब यह गतिविधियाँ खुलकर होने की संभावना है। यह भारत के लिए चिंता का कारण है, क्योंकि पाकिस्तान की गतिविधियाँ भारत के खिलाफ हो सकती हैं। इस स्थिति में भारत को सावधानी से काम लेना होगा और अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना होगा। भारत को बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ते रिश्तों पर नजर रखनी होगी और अपनी रणनीति को इसी के अनुसार बनाना होगा।