वाराणसी, 21 दिसंबर 2024, शनिवार। वाराणसी में 13 साल पहले हुए दो युवकों की हत्या के मामले में पूर्व सांसद अतुल राय को अदालत ने दोषमुक्त कर दिया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) यजुवेंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने शनिवार को सुनाया। अतुल राय के अलावा, सह अभियुक्त पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुजीत सिंह बेलवा और अभिषेक सिंह उर्फ हनी समेत आठ आरोपितों को भी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया। इस मामले में आरोपियों की पैरवी अधिवक्ता अनुज यादव, बृजपाल सिंह यादव व विनीत कुमार सिंह ने पक्ष रखा। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि गवाहों और साक्ष्यों के अभाव में आरोपियों को दोषमुक्त किया जाता है। यह मामला 2011 में वाराणसी में दो युवकों की हत्या के बाद दर्ज किया गया था। आरोप था कि अतुल राय और अन्य आरोपितों ने दिनदहाड़े दो युवकों की हत्या कर दी थी और उनके शवों को सड़क में दफना दिया था।
भक्तिनगर निवासी आशा देवी ने 25 अगस्त 2011 को कैंट थाने पर मामला दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनका बेटा रंजीत और साथी विनोद गौड़ को सुशील सिंह, कल्लू उर्फ धर्मेंद्र पांडेय और अन्य लोगों ने जीप और मोटरसाइकिल पर सवार होकर वहां से ले गए थे। जब दोनों का पता नहीं चला, तो आशा देवी ने अनहोनी की आशंका होने पर खोजबीन करने कचहरी पहुंची थी।
पुलिस ने विवेचना के दौरान 27 अगस्त 2011 को रंजीत गौड़ और विनोद गौड़ के शव बसंत विहार कालोनी, दौलतपुर में मिले थे। आरोपितों ने गड्डा खोदवाकर दोनों के शव को दफन करा दिया था। अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से वादिनी आशा देवी समेत 13 गवाह पेश किए गए थे, लेकिन आरोपितों के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो पाए।