नई दिल्ली, 21 दिसंबर 2024, शनिवार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, 21 दिसंबर को, मिडिल ईस्ट के देश कुवैत की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं। यह यात्रा भारत और कुवैत के बीच बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने के लिए की जा रही है। पीएम मोदी कुवैत के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें कुवैत के किंग (अमीर) शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा, क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री शामिल हैं। इन बैठकों का उद्देश्य दोनों पक्षों को व्यापार, इंवेस्टमेंट, ऊर्जा, संस्कृति और लोगों से लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने में मदद करना है।
इसके अलावा, पीएम मोदी भारतीय ब्लू-कॉलर श्रमिकों के आवास वाले एक श्रमिक शिविर का दौरा करेंगे, एक भारतीय समुदाय के कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और गल्फ कप फुटबॉल टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे। यह यात्रा भारत और कुवैत के बीच संबंधों को और मजबूत करने में मदद करेगी और दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देगी। भारत और कुवैत के बीच ऊर्जा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में बहुत मजबूत संबंध हैं, लेकिन भारत की तरफ से आखिरी बार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साल 1981 में 43 साल पहले कुवैत का दौरा किया था। तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 2009 में पश्चिम एशियाई देश की यात्रा की थी।
प्रधानमंत्री मोदी की कुवैत यात्रा: द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए नए समझौतों पर हस्ताक्षर!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुवैत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर चर्चा की जा रही है। इनमें द्विपक्षीय इन्वेस्टमेंट ट्रीटी और डिफेंस सहयोग समझौता शामिल है। विदेश मंत्रालय के सचिव अरुण कुमार चटर्जी ने बताया कि इस दौरे के दौरान कुछ द्विपक्षीय समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इससे भारत-कुवैत संबंधों में एक नया अध्याय खुलने की उम्मीद है और डिफेंस और व्यापार में सहयोग बढ़ने की भी उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न सिर्फ दोनों देशों के बीच मौजूदा क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करेगी बल्कि भविष्य के सहयोग के लिए नए रास्ते भी खोलेगी। यह हमारे साझा मूल्यों को मजबूत करेगी और भविष्य के लिए अधिक मजबूत साझेदारी का निर्माण करेगी। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कुवैत के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें कुवैत के अमीर, क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री शामिल हैं। इसके अलावा, वह भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों से भी बात करेंगे।
भारत-कुवैत संबंधों में मजबूती: व्यापार, ऊर्जा और निवेश में बढ़ते सहयोग के नए आयाम!
भारत और कुवैत के बीच व्यापारिक संबंध काफी मजबूत हैं। 2023-24 के दौरान दोनों देशों के बीच दोतरफा व्यापार 10.47 बिलियन डॉलर का था, जो कि एक महत्वपूर्ण आंकड़ा है। भारतीय निर्यात में भी वृद्धि हुई है, जो 2022-23 में 1.56 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 2.1 बिलियन डॉलर हो गया, जिसमें साल-दर-साल 34.7% का इजाफा हुआ है। कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है, जो देश की 3% ऊर्जा जरूरतों को पूरा करता है। इसके अलावा, भारत में कुवैत इंवेस्टमेंट 10 बिलियन डॉलर से अधिक है, जो कि एक महत्वपूर्ण निवेश है।
दस लाख भारतीय कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय बनाते हैं, जो कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत और जीसीसी (जुल्फिकार काउंसिल ऑफ कोऑपरेशन) के बीच व्यापार भी काफी मजबूत है, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान, कतर और कुवैत शामिल हैं। 2022-23 में दोनों के बीच व्यापार 184.46 बिलियन डॉलर का था, जो कि एक महत्वपूर्ण आंकड़ा है।